मैहर में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर अकाल पड़ा हुआ है इसीलिए तो DHO डॉ विजय आरख अपनी ड्यूटी छोड़कर मैहर में डेरा जमाया हैं और मैहर को चारागाह समझकर लूट घसोट करते हैं मामला एक 8 वर्षीय बच्ची का है जिसके माता-पिता बेहद निर्धन है यह बच्ची ग्रामीण अंचल धतूरा से आती है खेलते समय गिर जाने के कारण इसके हाथ में फैक्चर हो गया था जिसे दिखाने के लिए उसकी मां मैहर पहुंची थी इलाज के लिए वो अपने साथ कुछ जेवर लाई थी जोकि गिरवी रखकर बेटी का इलाज करवाना चाहती थी लेकिन डॉक्टर साहब ने इतनी इलाज का खर्चा बताया की वो उसे जेवर गिरवी रखने के बाद अलग से ब्याज में साहूकार के यहा से पैसे लेने पड़े लेकिन डॉक्टर का कलेजा नहीं पसीजा DHO साहब को तो बस अपना पैसा चाहिए था सभी डी एच ओ साहब जोकि डिस्ट्रिक्ट की ड्यूटी छोड़कर मैहर में अपनी क्लीनिक खोलकर बैठे हैं उनके पास पहुंची और दिखाया तो उन्होंने फीस सहित कच्चा प्लास्टर की जिसकी कुल कीमत 25 सो रुपए उस निर्धन से वसूले जबकि अगर देखा जाए तो कच्चा प्लास्टर की और फीस की वैल्यूएशन हजार रुपए भी नहीं होगी अब ऐसे में ड्यूटी से नदारत डी एच ओ साहब मैहर में अपनी सर्विस देते हैं और निर्धन गरीब को लूटते रहते हैं ये कोई पहला मामला नहीं है ऐसे और भी मामले जो DHO साहब ने मैहर गुल खिलाए है
मैहर को चारागाह समझते है DHO-आंचलिक ख़बरें -संचिता मिश्रा
