बरेली के फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र के ग्राम नगरिया कला में रामगंगा नदी में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। छोटेे भाई को डूबता देख बड़ा भाई उसे बचाने की बात कहते हुए कूद गया और दोनों डूूब गए। वहांं मौजूद पुलिसकर्मियों ने गोताखोरों की मदद से बाहर निकलवाया। अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई।
मंगलवार को रामगंगा नदी के किनारे पूर्णमासी का मेला लगा हुआ था। जिला हरदोई के थाना क्षेत्र पिहानी के गांव पंचमपुरवा सराय जी के रहने वाले दो चचेरे भाई अपने फूफा यशपाल पुत्र रघुराज के यहां सोमवार को नगरिया कला आए थे। मंगलवार सुबह 7 बजे के करीब दोनों मेला देखने के लिए रामगंगा नदी के घाट पर पहुंचे और गंगा स्नान करने लगे। गोलू पुत्र शरद वीर उम्र 11 वर्ष और शिवा पुत्र बाबूराम उम्र 8 वर्ष दोनों नदी में नहा रहे थे। तभी गोलू नदी से पहले बाहर निकल आया और शिवा को भी बाहर निकलने के लिए कह रहा था। इतनी देर में शिवा नदी में डूबने लगा। शिवा को डूबते देख गोलू उसे बचाने की बात कहते हुए नदी में कूद गया। दोनों नदी में डूब गए। वहां मौजूद पुलिसलल ने गोताखोराें की मदद से दोनों बच्चों को नदी के बाहर निकलवाया, तब उनकी सांसें चल रही थीं। दोनों को फरीदपुर अस्पताल भिजवाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
किसी भी गंगा घाट पर बचाव व राहत के लिए पुख्ता इंतजाम करानाप्रशासन का काम है। लेकिन नगरिया घाट पर कोई भी बचाव और राहत की सामग्री मौजूद नहीं थी। जिस कारण दोनों भाइयों की जान नहीं बच सकी। वहां मौजूद पुलिस भी केवल दिखावे के लिए थी। जब छोटे भाई को डूबता देख बड़ा भाई कूदा तो उसे नहीं रोका गया।
गंगा घाट पर पुलिस की मौजूदगी सिर्फ दिखावा ही थी। क्योंकि छोटे भाई के डूबने पर बड़े भाई के द्वारा नदी में छलांग लगा देने पर भी पुलिस वाले उसे नहीं रोका। क्या पुलिस की नजर उन बच्चों का नहीं पड़ी।