नगर पंचायत मऊ में अन्ना प्रथा और रास्ते से किसान परेशान नहीं हो पा रही पशुओं की व्यवस्था-आंचलिक ख़बरें-प्रमोद मिश्रा

News Desk
4 Min Read
WhatsApp Image 2022 12 09 at 8.57.09 AM

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में नवसृजित नगर पंचायत मऊ में 20 21 के बाद नगर पंचायत की व्यवस्था को सुधार करने के लिए एसडीएम मऊ व एक इओ की व्यवस्था की गई। पहले तो मऊ नगर पंचायत के अंतर्गत जितने भी चकरोड, सेक्टर, नाली या अन्य मार्ग जितने भी हैं 15 साल चकबंदी को हो गए, 3 साल से लंबित मामले हैं अधिकारियों के पास चक मार्ग सेक्टर को खुलवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया पर 3 साल से मऊ राजस्व विभाग एक संपर्क मार्ग नहीं खुलवा सका। 1 साल से एसडीएम साहब और इओ अभियन्ता साहब मऊ नगर पंचायत की व्यवस्था देख रहे हैं काफी पैसा भी आ चुका है। और अभी आज तक विकास क्या होगा यदि किसान के लिए कोई रास्ता नहीं रहेगा अब भी कई चकरोड और सेक्टर को किसानों द्वारा जोत लिया गया है । जिसमें लेखपाल की भूमिका मुख्य होती है वह ग्राम सचिव होता है वह अधिकारियों को सूचना देता है कि यह चकरोड है इस को खाली कराया जाए। WhatsApp Image 2022 12 09 at 8.57.17 AMजिससे गांव का विकास हो किसान अपना अनाज और फसल ढो सके, इमरजेंसी में किसान खेत पहुंच सके लेकिन यह व्यवस्था शासन प्रशासन द्वारा दुरुस्त ही नहीं हो रही है । मऊ प्रधानी के बाद नगर पंचायत का सृजन होने लगा 1 साल हो गए यहां पर पशुओं की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है सौ, डेढ़ सौ की मात्रा में पशु चलते हैं और जो भी नगर पंचायत मऊ का दायरा 6,7 किलोमीटर में है । पूरे क्षेत्र में अन्ना पशु घूम घूम कर के सरसों, गेहूं ,अरहर की फसल को नुकसान करने लगे हैं । जिस खेत में पहुंचते हैं उसी खेत को चौपट कर देते हैं किसान इतनी महंगी खाद, डीएपी पानी की व्यवस्था करके फसल बोता है और इसके बाद पशु चर लेता है उसके पास ग्लानि के अलावा कुछ नहीं बचता है ।और यहां पर अधिकारी तो दुरुस्त हैं पर कर्मचारी मस्त हैं जो कि कभी जनता के हित के लिए कभी कोई ऐसा काम नहीं करते। किस कर्मचारी को कहा जाए कि लेखपाल, कानूनगो ने पहल करके सारी एरिया की चकरोड खुलवा दी कभी ऐसा सुनने को मिलता ही नहीं ।WhatsApp Image 2022 12 09 at 8.58.12 AMअतः नगर पंचायत की जनता व किसान कुछ व्यवस्थाओं से आहत होकर के सरकार के खिलाफ मन बना लिया है। और इसका असर धीरे-धीरे कई जगह देखने को मिल रहा है बीजेपी अपना दल की चित्रकूट में इस समय संयुक्त सरकार है। लेकिन वह भी अन्ना प्रथा, राजस्व व्यवस्था, पंचायत व्यवस्था के लिए कोई सहज कदम नहीं उठा रहे हैं। यहां पर जहां देखो लेखपाल चकरोड़ नापने जाएंगे किसान बिचारा क्या जाने सिद्धा पत्थर से नाप कर सन्तुष्ट करना चाहिए तब सही आएगी नाप चकरोड की या उसमें से कब्जा नहीं हटवा पा रहे हैं ।सरकार ने प्रदेश और देश को यह भाषण देती है कि हम किसानों के लिए काम कर रहे हैं ।और उनकी फसल को हम दुगनी कर देंगे लेकिन अन्ना प्रथा के पशु किसान की फसल को जीरो कर देते हैं और किसान को ॠडी बना बना देते हैं। किसान की स्थिति खराब होने पर वह क्या कदम उठाएंगे इस बात और समस्या का निदान कब होगा।

Share This Article
Leave a Comment