सजा की 40 फीसदी अवधि जेल में पूरी करने वाले बंदियों को परिवीक्षा देने पर होता है विचार – विदुषी-आँचलिक ख़बरें-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

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चित्रकूट: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में सोमवार को राजापुर तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें लोगांे को कानूनी जानकारियां दी गयी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश विष्णु कुमार शर्मा के निर्देश पर आयोजित शिविर में पूर्ण कालिक सचिव विदुषी मेहा ने लोगों को निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के सम्बन्ध में बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति के सदस्य मानव दुव्र्यवहार, स्त्री, बालक, दिव्यांग व्यक्ति, जातीय हिंसा, बाढ, सूखा, भुकंप, विचाराधीन बंदी आदि विधिक सेवा के हकदार हैं। उन्होंने अनसूचित जति एवं अनुसूचित जानजाति से सम्बन्धित कानूनों, उत्तर प्रदेश पीडित क्षतिपूर्ति योजना, लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में जानकारी दी। साथ ही प्रीलिटिगेशन स्तर पर वैवाहिक वादों के सम्बन्ध मंे बताया कि वैवाहिक प्रकति के वादों में पति-पत्नी एवं नजदीकी रिश्तेदार प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में दे सकते हैं। पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराने का प्रयत्न पीठ द्वारा किया जाएगा। इस दौरान स्थाई लोक अदालत के बारे में भी जानकारी दी गयी।
इस मौके पर महिला कल्याण अधिकारी प्रिया माथुर, वरिष्ठ वैज्ञानिक चन्द्रमणि त्रिपाठी, ममता त्रिपाठी, प्रधानाचार्य वरूण कुमार त्रिपाठी, दया शंकर वर्मा, संतोष कुमार, पीएलवी अमित कुमार शुक्ला, रामनरेश कुशवाहा, संदेशवाहक आजाद सिंह आदि मौजूद रहे।
इसी क्रम में पूर्ण कालिक सचिव ने जिला कारागार का निरीक्षण कर जागरूकता शिविर का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा बीती 14 सितम्बर 2022 को पारित आदेश के अनुसार यदि जेल में निरूद्ध बंदी अपनी सजा की 40 फीसदी दण्ड की अवधि भोग चुका है, ऐसे बंदियों के द्वारा जुर्म इकबाल किए जाने पर सजा कम करने या उन्हें परिवीक्षा पर मुक्त करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा। ऐसे बंदियों की सूची महानिदेशक को प्रेषित की जाएगी। इस मौके पर जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, जेल संतोष कुमार, उपकारापाल पीयूष पाण्डेय, रजनीश कुमार, पैनल अधिवक्ता रूद्र प्रसाद मिश्रा आदि मौजूद रहे।

 

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