’’बॉयोलॉजिकल कन्ट्रोल हेतु जलस्त्रोतों में लार्वाभक्षी गॅम्बुसियां मछली का संचयन किया गया-आंचलिक ख़बरें-राजेन्द्र राठौर

News Desk
By News Desk
3 Min Read
WhatsApp Image 2022 09 05 at 5.47.09 PM

 

झाबुआ 05 सितम्बर 2022। वर्षा ऋतु उपरांत मच्छर जनित बीमारियों के फैलने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2021 की महामारी परख स्थिति के अनुसार चयनित हाईरिस्क ग्रामों के स्थाई/अस्थाई जल स्त्रोंतों में गॅम्बुसियां मछली संचयन की कार्ययोजना तैयार की गई हैं । माह सितम्बर एंव अक्टोम्बर 2022 के प्रथम एंव द्वितीय चरण में 01-01 लाख गॅम्बुसियां कुल 02 लाख मत्स्य बीज का संचयन किया जावेगा । वैक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया,डेंगू, चिकुनगुन्या इत्यादि के संभावित प्रसार को देखते हुए जैविक किट नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला मलेरिया अधिकारी दिनेश्वर सिंह सिसोदिया के निर्देशन में केटेगरी 01 एंव केटेगरी 03 के चयनित ग्रामों में सम्मिलित ग्राम चारोलीपाड़ा (ब्लाक-कल्याणपुरा) के स्थाई/अस्थाई जलस्त्रोंतों में आज दिनांक 05 सितम्बर 2022 को लार्वाभ्क्षी गॅम्बुसिया मत्स्य बीज का संचयन का किया गया । मछली संचयन के अवसर पर ग्राम चारोलीपाड़ा के सरंपच कालु मेड़ा,ए.एन.एम. श्रीमती आशा गोयल, ग्राम की आशा एंव आशा सहयोगिनी, सर्वलेंस कार्यकर्ता राजेन्द्र हुरमाले, एंव कार्यालय के फील्ड वर्कर रमेश भूरिया की उपस्थिति में मत्स्य बीज का संचयन किया गया । जल स्त्रोंतों में मछली डालने का उद्देश्य गम्बुसियां मछली लार्वा को खा जाती हैं, जिससे कि मच्छर नही पनपेगें एंव रोगों के प्रसार पर नियंत्रण हो सकेगा । केटेगरी के चयनित ग्रामों मे मत्स्य बीज के संचयन की कार्यवाही सम्पूर्ण माह में चलती रहेगी । मत्स्य बीज के संचयन की कार्ययोजना अनुसार ब्लाक के मलेरिया निरीक्षक, सर्वलेंस वर्कर,ए.एनएम.,आशा एंव आशा सहयोगिनी एंव विभाग के फील्ड वर्कर द्वारा ग्राम के जन प्रतिनिधि की उपस्थिति में गॅम्बुसिया मत्स्य बीज का संचयन किया जावेगा ।
ग्रामों मे मत्स्य बीज के संचयन के दौरान जन समुदाय से अपील की गई है कि अपने घरों में मच्छर जाली लगावें, आम-जन को पूरी बांह के कपड़े तथा कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी रात को एंव दिन में सोते समय उपयोग करें । घरों में पानी के कंटेनरों की साप्ताहिकी रूप से नियमित साफ-सफाई करें । अपने घरों के आस-पास पानी को जमा न होने देवें । घरों के छतों पर बेकार टायर, फूलदान, गमलों पर अनावश्यक पानी को जमा न होने देवें, एंव जमा हुए पानी को निकाल दें । घर के किसी भी सदस्य को बुखार आने पर खून की जाचं स्वास्थ्य कार्यकर्ता या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर करवायें ।

Share This Article
Leave a Comment