पूर्णाहूति पर महाआरती एवं प्रसादी का आयोजन रखा गया, बड़ी संख्या में भक्तजनों ने लिया लाभ
झाबुआ। शहर के नेहरू मार्ग स्थित प्राचीन श्री संतोषी माता मंदिर एवं श्री बड़केश्वर महादेव मंदिर पर नए वर्ष के उपलक्ष में हिंदू एवं सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंदिर समिति एवं मंदिर से जुड़े भक्तजनों द्वारा संयुक्त रूप से विशेष कार्यक्रम किए गए।
जानकारी देते हुए मंदिर के सेवक पं. जगदीश बैरागी ने बताया कि प्रातःकाल मंदिर में संतोषी माताजी, सम्मुख विराजमान पंचमुखी हनुमानजी महाराज एवं समीप शिव परिवार का अभिषेक कर सुंदर श्रृंगार किया गया। संध्याकाल सभी प्रतिमाओं का को सुंदर रूप से सजाया गया। वहीं पूरे मंदिर पर भी मनमोहक सज्जा की गई। रात्रि 9 बजे से मंदिर परिसर में भगवान श्री राम एवं विश्व मंगल हनुमानजी का पाट पर चित्र विराजित कर पूजन, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया। श्री कष्टभंजन सुंदरकांड मंडल द्वारा संगीतमय वाद्य यंत्रों के साथ सुंदरकांड करने के साथ सुमधुर भजन संध्या में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भगवानों के सुमधुर भजन एवं गीत प्रस्तुत किए। जिस पर महिलाओं एवं युवाओं ने आनंदित होकर नृत्य भी किया।
आतिशबाजी कर महाआरती की गई
रात ठीक 12 बजे आतिशबाजी के साथ पूर्णाहुति पर महाआरती की गई। इस दौरान सभी ने श्री बड़केश्वर महादेवजी, भगवान श्री राम एवं हनुमानजी के सामूहिक जयघोष भी लगाए। समापन पर सभी भक्तजनों को प्रसादी के रूप में ठंड के सीजन के चलते गरम जलेबी, स्वादिष्ट आलू बड़े एवं केसरिया ड्रायफूट युक्त दूध का प्रसाद वितरित किया गया। जिसका बड़ी संख्या में भक्तजनों ने लाभ लिया। कार्यक्रम में विशेष रूप से नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष एवं वार्ड पार्षद विजय चैहान भी उपस्थित रहे। जिनका मंदिर समिति ने पुष्पमालाओं से स्वागत किया। वहीं भजन संध्या एवं सुंदरकांड के युवा कलाकारों का भी मंदिर समिति ने केसरिया दुपट्टा पहनाकर अभिनंदन किया। समापन पर मंदिर समिति ने सभी का आभार माना।
महाषिवरात्रि पर भी षिव-विवाह एवं बारात निकाली जाएगी
श्री बड़केश्वर महादेव मंदिर समिति ने बताया कि आगामी फरवरी माह में शिवरात्रि पर बड़केश्वर महादेवजी का शिव विवाह एवं शहर में बारात निकालने हेतु तैयारियां की जा रही है। ज्ञातव्य रहे कि मंदिर में विराजित माता संतोषीजी की प्रतिमा प्राचीनतम होकर चमत्कारिक भी है। वहीं सम्मुख पंचमुखी हनुमान मंदिर पर मंगलवार एवं शनिवार को समय-समय पर बजरंग बाण, सुंदरकांड पाठ आदि भी किए जाते है। बड़केश्वर महादेवजी के प्रति भी भक्तों की अटूट आस्था एवं श्रद्धा है।