क़ुल की फातिहा के साथ हाफिज़े बुख़ारी के उर्स का हुआ समापन-आँचलिक ख़बरें-आकाश

News Desk
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◾उर्स के आखिरी दिन दरगाह में देर रात तक आते रहे हज़ारों की संख्या में ज़ायरीन

◾मेहमानों के लिए जगह जगह किया गया लंगर का इंतिज़ाम

◾तीन रोज़ा उर्स में उमड़ा मुरीदों व अक़ीदत मन्दों का हुजूम

◾गुरुवार सुबह तड़के फ़जर की नमाज़ से पहले हुआ उर्स का समापन।

◾तीन दिन तक चला मन्नतों मुरादों का दौर,मांगी गई दुआएं।

फफूंद ,औरैया। नगर में स्थित प्रसिद्ध ख़ानक़ाह आस्ताना आलिया समदिया में हाफिज़े बुख़ारी के एक सौ इक्कीसवें तीन दिवसीय सालाना उर्स के तीसरे व आखिरी दिन बुधवार को देर रात तक हज़ारों की संख्या में अकीदतमंद व मुरीदो ने दरगाह पहुंचकर फातिहा पढ़ हाज़िरी दी और उर्स के कर्यक्रमों में शिरकत कर नेकियां पायीं उर्स में आये जायरीनों से ख़ानक़ाह के अलावा नगर की गलियों व बाजारों में भी खूब रौनक़ रही और गलियां गुलज़ार रहीं। नगर की ख़ानक़ाह आस्ताना आलिया समदिया मिस्बाहिया में चल रहे तीन दिवसीय उर्स हुज़ूर हाफिज़े बुख़ारी का समापन गुरुवार सुबह तड़के साढ़े पांच बजे हुज़ूर ख़्वाजा बेकस नवाज़ सैयदशाह अब्दुस्समद चिश्ती के कुल शरीफ की महफ़िल व फातिहा के साथ हुआ क़ुल की महफ़िल के बाद ख़ानक़ाह के सज्जादा नशीन सैयद अख्तर मियां चिश्ती ने दुनिया के तमाम लोगों व मुल्क में अमनचैन कायम रहने की दुआएं मांगी जिसमें हजारों की संख्या में अकीदतमंद व मुरीद मौजूद रहे।उर्स के अंतिम दिन बुधवार के सभी कर्यक्रमों का सिलसिला सुबह से शुरू होकर गुरूवार सुबह तड़के पांच बजे समाप्त हुआ।उर्स में तीन दिन तक मन्नतों मुरादों का दौर चलता रहा और अक़ीदत मन्दों ने दरगाह पर हाज़िरी देकर दूध की गागर और फूलों की चादरें चढ़ाई।वहीं उर्स में आये मेहमानों के लिए नगर के लोगों व समाजसेवियों ने जगह जगह लंगर का इंतिज़ाम किया।

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