थोक में विधायकों की खरीद फरोख्त से बदल गई है राजनीति की परिभाषा-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

News Desk
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जनता की ओर से आवाज आना चाहिए कि अब नहीं सहेंगे
मैहर में कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में बोले अजयसिंह

 

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने अपनी सरकार बनाने के लिए थोक में विधायकों की खरीद फरोख्त की एक नई परम्परा की शुरुआत मध्यप्रदेश से की है| इससे राजनीति की पूरी परिभाषा ही बदल गई| वे आज मैहर में जनसमस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन में भाग ले रहे थे| उन्होंने कहा कि हिन्दोस्तान के इतिहास में पहली बार थोक में विधायकों की खरीद हुई| जब लेन देन का सवाल आता है तो अंतत: जनता ही परेशान होती है| उदाहरण के लिए अब थोक में बिजली के बिलों की वसूली हो रही है क्योंकि पूरी सरकार उन्होंने खरीद ली| अब जनता की चिंता क्यों होगी? पैसों की भरपाई के लिए अब अधिकारियों से करोड़ों वसूले जाकर उन्हें भ्रष्टाचार की छूट दी गई है|
अजयसिंह ने कहा कि अब केवल धरना प्रदर्शन से काम नहीं बनेगा| अब तो जनता की ओर से आवाज उठना चाहिए कि बहुत हो गया, अब नहीं सहेंगे और आगे सरकार का फैसला करेंगे| यदि आम आदमी यह सिलसिला शुरू करेगा तब ही सरकार घुटने टेकेगी| जनता ने कांग्रेस की सरकार बनाई थी| कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों का कर्जा माफ़ करने और बिजली का बिल कम करने जैसे बड़े फैसले लिए| भाजपा को लगा कि यदि ये पांच साल रह गए तो फिर हम कभी नहीं जीतेंगे और बोरिया बिस्तर समेटना पड़ेगा| इसलिए उन्होंने थोक में विधायको के खरीद फरोख्त की|
सिंह ने कहा कि भाजपा के पास अपनी बात फैलाने और गुमराह करने की बहुत बड़ी कला है| मुख्यमंत्री ने उपचुनाव के समय कहा था कि मैहर को स्मार्ट सिटी बना देंगे| बाणसागर से लिफ्ट कर मैहर में पानी लायेगे| मैहर के लिए एक साथ 33 हजार करोड़ की घोषणाएं कर डाली| फिर बाद में क्या मिला, कुछ नहीं| उलटे महंगाई और बेरोजगारी चरम पर पहुँच गई| अधिकारी, मुख्यमंत्री और मंत्रियों विधायकों की सुनते नहीं, क्योंकि जब तक सांठ-गाँठ रहेगी तब तक अधिकारियों पर दबाव नहीं बनाया जा सकता| पहले भी कई मुख्यमंत्री रहे जिनका कहा अधिकारी टाल नहीं सकते थे| एक डी.पी. मिश्रा थे जिनकी तूती बोलती थी और अधिकारी डरते थे| लेकिन अब भ्रष्टाचार में आपसी तालमेल के कारण जनता के काम नहीं हो रहे|
अजयसिंह ने कहा कि जब जब कांग्रेस ने संघर्ष किया, तब तब वह जीती| पिछले चुनाव में कमलनाथ जी के साथ सभी नेताओं ने पूरे मध्यप्रदेश का लगातार दौरा किया और सरकार बनी| रैगांव के उपचुनाव में कांग्रेस क्यों जीती? क्योंकि सभी कांग्रेस जनों ने मिलकर एक साथ संघर्ष किया| भाजपा अपनी परम्परागत सीट हार गई| इसलिए सभी कांग्रेसी मिलकर सक्रियता बढायें| एक एक मुद्दा लेकर ग्राम पंचायत तक संघर्ष करें और जनता के साथ खड़े हों| मैं तो विधायक भी नही हूँ लेकिन फिर भी जो बनता है लोगों के लिए करता हूँ क्योंकि आदरणीय दाऊ साहब ने पहली बार जीतने पर मुझे यही सिखाया कि सेवा के लिए विधायक बने हो, सेवाभाव का संकल्प लेकर काम करो|
उन्होंने कहा कि दुःख है कि भाजपा सरकार में प्रजातंत्र की हत्या हो रही है| यू पी का हमीरपुर खीरी इसका उदाहरण है| जहाँ किसानों को भाजपा सरकार में कुचल कर मारा गया वहां आठों सीटें भाजपा जीती| लोग पूछ रहे हैं कि हमारा वोट कहाँ चला गया? सबको समझ में आ गया कि सारा खेल इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का है| आगे भी इसी तरह मशीन से चुनाव हुए तो फिर प्रजातंत्र की रक्षा का भगवान ही मालिक है|

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