सिंगरौली। सिंगरौली जिले के कलेक्ट्रेट के भूअर्जन शाखा में पदस्थ रवीन्द्र घोसे को रीवा लोकायुक्त की टीम ने बीस हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।
जिले में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार रीवा लोकायुक्त द्वारा घुसखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्यवाही की जा रही है इसके बावजूद घुसखोर अधिकारी कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। सरकार को गम्भीरता से लेते हुए सक्त कानून बनाने की अब जरुरत है । सिंगरौली जिले में कई पावर प्लांट और कोल ब्लॉक स्थापित हो रहें हैं। जिसको लेकर भू अर्जन की प्रक्रिया चल रही हैं। सिंगरौली जिले के ग्राम बिलवार तहसील सरई के रहने वाले हरीलाल शाह ने रीवा लोकायुक्त एसपी
गोपाल धाकड़ से शिकायत दर्ज कराई थी कि उसको जमीन कोल ब्लॉक के लिए एपीडीएमसी है। कंपनी के द्वारा अधिग्रहण किया जा रहा। जिसको लेकर भू अर्जन शाखा में उसकी फाइल लंबित है। जिससे मुआवजा अभी तक नहीं प्राप्त हो रहा है। जानकारी लेने पर मुआवजा की फाइल निराकरण कराने के एवज में भू अर्जन कार्यालय में पदस्थ लिपिक रविंद्र घोसे 1 लाख रूपए की मांग कर रहा है। शिकायत का सत्यापन कराने के बाद एसपी लोकायुक्त ने डीएसपी लोकायुक्त राजेश पाठक, प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में 12 सदस्य टीम भेजकर आज 20 हजार रूपए की पहली किस्त लेते हुए बाबू को रंगे हाथों ट्रैप कर लिया। आरोपी बाबू को हिरासत में लेते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर आगे की कार्रवाई वैढन रेस्ट हाउस में की जा रही हैं।
ज्ञात हो कि औद्योगिक नगरी होने की वजह से सिंगरौली जिले में नयी नयी कंपनियों की स्थापना होती है। सबसे पहले कंपनियों को जमीन लेना होता है इसलिए भूअर्जन शाखा का काम यहां बढ़ जाता है। ऐसे में विस्थापितों की तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए भूअर्जन शखा में जमकर घुसखोरी होती है। मुआवजे की लालच में हितग्राही पैसे देने के लिए राजी हो जाते हैं जिस कारण भू अर्जन शाखा में पदस्थ बाबुओं की चांदी हो गयी। है। लोकायुक्त की टीम शिकायत पर कार्यवाही करती है।