प्रशासन आखिर सब कुछ जानते हुए क्यो है रेत माफिया के आगे नतमस्तक।। रेत माफिया को खुला संरक्षण क्यो दिया जा रहा है। जिम्मेदार कौन खनिज अधिकारी या नवानगर थाना प्रभारी,एवं पुलिस कर्मी ।।
आईये जानते है विस्तार से क्या है पुरा मामला
बरसात के कारण रेत खदानो या नदियों से रेत नीकासी प्रतिबंधित है। जिसके बाद भी कुछ रेत माफिया रात के अंधेरे में चोरी से नदियों व खदानो से लगातार रेत चुरा कर घर के सामने भण्डारण कर सुबह होते ही दोगुने दाम पर लोगो को बेचते हैं । वही गॉंजा विक्रेता संतोष दुबे के पास दो ट्रैक्टर है जो बिना कीसी रायल्टी के दबंगई से खदानो व नदियों से चोरी-चोरी रेत उत्खनन व परिवहनकर नाबालिग बच्चों से रात में रेत की चोरी करवा कर अवैध रेत का व्यापार कर रहा है.
छ: महीने से लगातार नदियों का सीना छलनी कर हो रहा रेत उत्खनन का व्यापार।
वही विश्वस्त सूत्रों की माने तो सिंगरौली मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर दसौती महुआ मोड से अन्दर घर के पास चोरी से लाई रेत का भण्डार किया गया है. यही नही रेत के सहारे माफिया संतोष दुबे कई नशे के आदी लोगो की भीड़ घर में जमाकर हीरोइन,गॉंजा पिलाता है।
बताया जाता है कि संतोष दुबे अपना रेत का व्यापार करवाने के लिए बच्चो व मजदूरो को पर ट्रिप 300 रुपये देता है जिसमें कम उम्र के साथ लड़के शामिल रहते हैं. ज्ञात हो की रेत माफिया संतोष दुबे कई बार ट्रैक्टर के साथ खुद जेल जा चुका है। लेकिन बाहर आते ही फिर से यही कारनामे पर लग जाता है. कहीं प्रशासन की सह से तो नहीं चल रहा रेत निकासी का खेल बना सबसे बड़ा सवाल।
कही प्रशासन की सह से तो नहीं चल रहा रेत निकासी का खेल बना सबसे बड़ा सवाल।।