झाबुआ , मुख्यमंत्री म.प्र. शासन के निर्देशानुसार जिले के ग्रामों में ग्राम सभा आयोजित की जा रही है जिसमें पेसा एक्ट लागू होने पर ग्राम सभाओं में माननीय मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया गया जिससे पेसा एक्ट के तहत ग्रामों की समस्यों का निराकरण ग्रामों में ही किया जायेगा। ग्रामों में एक बेहतर वातावरण बनेंगा एवं विकास की गति तेजी से आगे बढेगी । 30 नवंबर को कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह के द्वारा जनपद पंचायत थांदला क्षैत्र की ग्राम सभा ग्राम खवासा में उपस्थित रहे एवं ग्राम सभा में चल रही कार्यवाही से रूबरू हुए। ग्राम सभा में कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह के द्वारा पैसा एक्ट के संबंध में चर्चा की गई।
ग्राम सभा में पैसा एक्ट के बारे में जानकारी दी गई एवं निर्देश दिये गये कि ग्राम सभाओं में आम जनता तक सरल भाषा व स्थानीय भाषा, में पैसा एक्ट के बारे में बताया जाए। म.प्र. पैसा एक्ट 15 नवबंर 2022 से म.प्र. के अनुसूचित क्षैत्र में लागू हो चुका है। पैसा एक्ट के संबंध में 23 नवबंर से 30 नवबंर तक ग्राम सभाऐं आयोजित की जा रही है। जिसमें पैसा एक्ट के संबंध में बताया जाएगा। पैसा एक्ट के तहत स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को अधिकार दिये जाएगें।
इस दौरान एस डी एम थांदला अनिल भाना, तहसीलदार शक्तिसिंह चौहान, सी.ई.ओ. जनपद पंचायत थांदला सुश्री राधा डावर, नायब तहसीलदार अनिल बघेल एवं अन्य अधिकारी ग्राम सभा में उपस्थित थे। कलेक्टर एवं एसडीएम के द्वारा ग्रामसभा में म.प्र. पेसा एक्ट के संबंध में ग्रामीणों को जानकारी दी गई जिसमें मुख्य रूप से-
मध्यप्रदेश पेसा एक्ट के प्रमुख बिन्दुः-
ग्राम सभा गठन-साधारण तथा ग्राम सभा के लिए 01 ग्राम सभा होगी। प्रत्येक ग्राम में 01 से अधिक ग्राम सभा गठित हो सकती है। समुदाय की परम्पराओं रुढियों के आधार पर खेडा फलिया टोला मजरा पारा के निवासी अपनी पृथक ग्राम सभा गठन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के माध्यम से कार्यवाही करा सकते है। ग्राम सभा अध्यक्ष सरपंच/उपसरपंच/ पंच नहीं होगा। ग्राम सभा अनुसूचित जनजातीय के सदस्यों में से किसी 01 सदस्य को सर्व सम्मिति से चुनेगी। जिसका कार्यकाल आगामी ग्राम सभा तक रहेगा। ग्राम सभा का सचिव ग्राम पंचायत का सचिव ही होगा। ग्राम सभा में सचिव की अनुपस्थिति में ग्राम में किसी भी शासकीय कर्मचारी को सचिव का दायित्व दे सकते है।ग्राम सभा में गणपूर्ति (कोरम) हेतु ग्राम सभा के कुल सदस्य का एक चैथाई या 100 सदस्य जो भी कम हो। आवश्यक होगा। ग्राम सभा के निर्णय पर आपत्ति हेतु अपील समिति का प्रावधान। अपील समिति में अध्यक्ष जनपद पंचायत, संबंधित जनपद सदस्य एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व होगें समिति का अध्यक्ष जनपद अध्यक्ष रहेगें।
शांति एवं विवाद निवारण समिति-प्रत्येक ग्राम की शांति एवं विवाद निवारण समिति गठित होगी। जिसमें 05 से 07 सदस्य रहेगें। समिति में एक तिहाई महिला होगी। पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर की सूचना थाने द्वारा शांति एवं विवाद निवारण समिति को देना होगी।
भूमि प्रबंधन ग्राम सभा द्वारा भूमि कटाव रोकना, फसलों का बचाना, चराई का विनियमन करना । वर्षा जल का कृषि कार्य में वितरण सुनिश्चित कराना पटवारी, बीट गार्ड द्वारा वर्ष के प्रारंभ में नक्शा खसरा बी-1 आदि अभिलेख अद्यतन उपलब्ध कराना। भूमि अभिलेख में त्रुटि सुधार की सूचना ग्राम सभा को देना । भूमि के डायवर्सन से पूर्व ग्राम सभा का परामर्श लेना। निजी भूमि के विक्रय /पट्टा/ हस्तातरण की सूचना ग्राम सभा को देना । अनुसूचित जन जाति की भूमि गैर आदिवासी को ना जाना। यदि आदिवासी की भूमि गैर आदिवासी को गई हो तो ग्राम सभा द्वारा वापस दिलाने की पहल करना।
भू-अर्जन -किसी भी प्रकार का भू-अर्जन, ग्राम सभा की सहमति से होगा ।
जल संसाधनों का प्रबंधन -सिंचाई, मत्स्यपालन, पेयजल, आदि के संबंध में ग्राम सभा का विनिश्चय होगा।
गौण खनिज -गौण खनिज उत्खनन पट्टा आवंटन के पूर्व ग्राम सभा की अनुशंसा आवश्यक ।
मादक पदार्थ प्रबंधन – देशी विदेशी शराब की दुकान ग्राम सभा की अनुमति के बिना नहीं खुलेगी।
श्रम शक्ति योजना- केन्द्र एवं राज्य शासन की रोजगार मूलक कार्ययोजना का अनुमोदन ग्राम सभा में होना। न्यूनतम मजदूरी की प्रचलित दर का ग्राम सभा में प्रकाशन होना, प्रवासी श्रमिक की संपूर्ण जानकारी ग्राम सभा को देना। मस्टर रोल वाले कार्य में फर्जी नाम या त्रुटि पाये जाने पर त्रुटियों को ठीक कराया जाना।
गौण वनोपज-ग्राम सभा लघु वनोपज का संग्रहण एवं विपणन स्वयं या किसी एंजेसी समूह से करा सकेगी। ग्राम सभा, परिवार की जरुरते जैसे निस्तार चराई कृषि उपकरण बनाने के लिए सूखी लकड़ी एवं बांस आदि को वन से निकलवाने की व्यवस्था करेगी।
बाजार फीस आदि संग्रहण- पंचायत अधिनियम के प्रावधानुसार बाजार फीस की वसूली नीलामी प्रक्रिया से ठेके पर देने का कार्य ग्राम सभा कर सकेगी।
साहूकारी -लायसेंस प्राप्त साहूकार द्वारा दिये ऋण चुकाये ऋण की त्रैमासिक जानकारी ग्राम सभा को सूचित होगी।
शासकीय संस्थाओं पर नियंत्रण -स्कूल, आंगनवाडी, छात्रावास आदि संस्थाओं का ग्राम सभा द्वारा समय- समय पर निरीक्षण करना
हितग्राही मूलक योजनाओं में चयन – शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के लिये पात्र हितग्राहियों का निर्धारित मापदण्ड अनुसार चयन।