झाबुआ, 13 सितम्बर, 2022।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के निर्देशानुसार आज दिनांक 13.सितम्बर को लीलाधर सोलंकी जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ द्वारा जिला जेल झाबुआ का निरीक्षण किया गया। उक्त जेल निरीक्षण के साथ ही जिला जेल झाबुआ में निरूद्ध महिला/पुरूष बंदियों के लिए जागरूकता हेतु विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिला न्यायाधीश/सचिव लीलाधर सोलंकी ने शिविर में बंदियों के मध्य अपनी बात रखते हुए कहा कि जन्म ने कोई व्यक्ति अपराधी नहीं होता, बल्कि व्यक्ति गलत आदतों, परिस्थितिवश अथवा अचानक आवेश के आने पर अपने धैर्य को खो देने पर विधि विरूद्ध कार्य करने से अपराधी बन जाता है। न्याय विधान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपराधी को जेल में रहना पड़ता है तथा भारतीय सजा व्यवस्थानुसार जेल में न केवल दण्ड भुगतने हेतु जीवन में सुधारात्मक परिवर्तन हेतु रखा जाता है। सोलंकी ने कहा कि बंदीगण होते हुए भी आपके मानव अधिकार जीवित रहते है जिसके तहत आप लोगों को जीवन जीने की सामान्य सुविधाऐं, चिकित्सा सुविधाऐं, निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाती है। शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम सिंह मरकाम द्वारा बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह योजनांतर्गत निःशुल्क अधिवक्ता सुविधा के बारे में बारे में जानकारी प्रदान की साथ ही बंदीजनों को जेल में रहते हुए भी जीवन में निरंतर सुधार लाने हेतु प्रोत्साहित किया। न्यायाधीशों के द्वारा शिविर में उपस्थित बंदियों से उनकी परेशानियों व विधिक समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उनको उनके अधिकारों व विधिक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। जिसका उनके द्वारा लाभ लिया जा सकता है। बंदियों को बताया गया कि जिला कारागार में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना की गई है। किसी भी बंदी को यदि कोई समस्या हो ता वह जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से विधिक सहायता प्राप्त कर सकते है। बंदियों को विधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि किसी भी बंदी के पास अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ द्वारा अपने मुकदमे की पैरवी के लिए निःशुल्क अधिवक्ता की सुविधा प्रदान की जाती है। न्यायाधीशों द्वारा पुरूष बंदियों के अलग-अलग बैरिक, पाक शाला एवं जेल चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया। जेल में सब कुछ सामान्य मिला तथा महिला बैरक में महिला बंदियों से न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री साक्षी मसीह द्वारा उनकी समस्याओं के बारे में पूछताछ कि है। महिला बंदियों द्वारा बताया गया कि समय से नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध कराया जाता है किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। उक्त शिविर में जेल अधीक्षक दुष्यंत कुमार पगारे, उप अधीक्षक राजेश विश्वकर्मा, सहायक अधीक्षक भीमसिंह रावत एवं जेल स्टॉफ उपस्थित रहें।