ग्रामीणों की जब अधिकारियों ने नहीं सुनी तो धरना पर बैठे ग्रामीण
चित्रकूट धर्म नगरी के भरतकूप हमेशा अवैध खनन को लेकर जाना पहचाना एक खान माना जा रहा है लेकिन इन दिनों पहाड़ों का लगातार दोहन किया जा रहा है और प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हुआ है जिसको लेकर अब ग्रामीणों में भी काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है आपको बताते चलें कि वैसे तो भरतकूप थाना क्षेत्र मैं अवैध खनन की बात करना कोई नया बात नहीं होगा लेकिन इन दिनों को अवैध खनन ज्यादा ही तेज गति से रफ्तार पकड़े हुए हैं बताया जा रहा है कि ग्रामीणों के द्वारा पहाड़ों में चल रही मशीन वह अवैध ब्लास्टिंग को लेकर लगातार अधिकारियों से शिकायत की जाती रही लेकिन जब अधिकारियों ने ग्रामीणों की नहीं सुनी तो ग्रामीण स्वयं ही आक्रोशित होकर गोंडा समीप धरने पर बैठ गए और पहाड़ों में बड़ी मशीनें लगाकर पहाड़ों पर किए जा रहे दोहन को रोकने की मांग करने लगे वैसे भी ग्रामीणों के द्वारा लगातार अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने बच्चों का पालन पोषण किया जा रहा है क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों से गांव बसे हैं और पहाड़ों में लगातार हो रहे अवैध ब्लास्टिंग व खनन से ग्रामीणों की जहां एक तरफ जमीन बंजर हो गई है तो दूसरी तरफ ग्रामीणों के घरों में ब्लास्टिंग का पत्थर जाता है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होने का भी ग्रामीणों को सताता रहता है। लेकिन ग्रामीणों के जीवन को लेकर जिले का जिम्मेदार कोई अधिकारी चिंतित होता नजर नहीं आ रहा वजह यह है कि खनन माफियाओं के द्वारा पर्याप्त मात्रा में सुविधा शुल्क समय से जिम्मेदार अधिकारियों को पहुंचा दी जाती है और यही वजह है कि जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता नहीं कर रहे यहां तक कि जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को उत्तर प्रदेश की सूबे की सरकार की नीतियों का भी कोई भय नहीं सताता और खुलेआम अधिकारियों की छत्रछाया में खनिज माफियाओं का नंगा नाच चलता रहता है। यहां तक की जिम्मेदार अधिकारियों की छत्रछाया में सरकारी राजस्व को भी रोजाना लाखों रुपए का चूना लग रहा है लेकिन कार्रवाई करें तो करें कौन क्योंकि नीचे से ऊपर तक का सिस्टम खनिज माफियो के कब्जे पर है। वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि ग्रामीणों की आखिर फरियाद सुनेगा तो सुनेगा कौन क्योंकि ग्रामीणों को आप सिर्फ जिले के जिला अधिकारी से ही न्याय की उम्मीद है।