नानाजी की 106 वीं जयंती पर चित्रकूट में चार दिवसीय ग्रामोदय मेले का हुआ शुभारंभ
चित्रकूट: भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में भारत रत्न नानाजी देशमुख की 106 वीं जयंती पर रविवार को चार दिवसीय ग्रामोदय मेले का शुभारंभ भारत सरकार के कौशल विकास एवं उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा नानाजी मंडप के सामने उनकी प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उदघाटन समारोह में धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि राजनीति में रहकर समाज नीति की नई परिभाषा नानाजी ने दी है, नानाजी ने चित्रकूट में मुक्त विश्वविद्यालय की कल्पना को साकार रूप दिया है कि लोग आएं, सीखे, समझे और आत्मसात कर अपने जीवन में उतारें।
कार्यक्रम का संचालन दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ द्वारा किया गया। कार्यक्रम की भूमिका संगठन सचिव अभय महाजन द्वारा रखी गई। अतिथियों का स्वागत डीआरआई के उपाध्यक्ष निखिल मुंडले एवं उत्तम बनर्जी द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कौशल विकास एवं उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तराखंड सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा एवं स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ धन सिह रावत, मध्यप्रदेश सरकार के खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, संस्कृति, पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर, उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह, लोकसभा सदस्य सतना गणेश सिंह, लोकसभा सदस्य बांदा चित्रकूट आरके सिंह पटेल, मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक अनिल कोठारी, जन अभियान परिषद मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष जितेंद्र जामदार, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान मध्य प्रदेश के निदेशक संजय सर्राफ एवं दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन प्रमुख रूप से मंचासीन रहे। प्रमुख मंच के बांयी तरफ संतों के लिए अलग से मंच बनाया गया था, जिसमें चित्रकूट के सभी प्रमुख संत महात्मा मंचासीन रहे।
मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि आज चित्रकूट में राष्ट्र ऋषि भारत रत्न नाना जी देशमुख की जयंती पर इस कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। चित्रकूट 21वीं शताब्दी की ओर एक नया रूप ले रहा है, गांवों के अंदर पढाई कैसे हो, संस्कार कैसे हो इस पर दीनदयाल शोध संस्थान का रोल माॅडल काम कर रहा है। पोलियो की टीका लगाने में हमें 30 वर्ष लग गये परंतु आज हमने कोरोना के टीके की 225 करोड डोज 2 वर्ष के अंदर लगा दी। आने वाले 2 वर्ष के अंदर हर गांव आप्टिकल फाइबर से जुड जायेगा। हम गांव से शहर क्यों जाते हैं पढ़ने के लिए, चिकित्सा के लिए, आज डिजिटल इंडिया के चलते हम दुनिया के अच्छे अच्छे डाक्टर से हम गांव में ही बैठकर परामर्श कर सकते हैं। भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए जरूरी है गांव को आत्म निर्भर बनाना, कोरोना काल में हमने देष के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 150 देशों में दवाई पहुंचाई है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि वह अपने आप को सौभाग्यशाली मानते है कि उन्हें आप सभी के बीच जुड़ने का अवसर मिला। भारत की आत्मा गांवों में बसती है। आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करने में दीनदयाल शोध संस्थान देश में एक रोल माॅडल प्रदान कर सकता है। आज जल की दिशा में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो काम हो रहा है आने वाले 50 वर्ष में बढ़ती आबादी के साथ साथ पीने का पानी और जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आज जल संरक्षण एवं सुरक्षा के बिना हम इकोनोमिक रुप से विकास कर पाना मुश्किल है। इस संस्थान के माध्यम से जल चेतना का विकास हम पुरे देश में करें। वर्षा के जल का संरक्षण करें। वर्ष 2047 तक हम आजादी का शताब्दी वर्ष एक विकसित भारत के रुप में मनायेंगे।
पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री मध्य प्रदेश सरकार उषा ठाकुर ने कहा कि भारत जैसी भूमि पूरे विश्व में कहीं नहीं है। राष्ट्र ऋषि नाना जी देशमुख गांव को स्वावलंबी बनाना इसलिए चाहते थे क्योंकि देश की आत्मा गांव में बसती है। 21वीं सदी का भारत आत्म निर्भर भारत हो, स्वावलंबी भारत हो। भारत कोई जमीन का टुकड़ा नहीं एक जीता जागता राष्ट्र पुरुष है।
खनिज संसाधन मंत्री मध्य प्रदेश सरकार बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि राष्ट्र ऋषि नाना जी का चरित्र हमारे जीवन के लिए एक सीख है। नाना जी ने स्वास्थ्य, शिक्षा और गांवों को लेकर बहुत काम किया है।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ठाकुर जयवीर सिंह ने कहा कि दो प्रांतो की सीमाओं में रहकर ग्रामोदय से राष्ट्रोदय का सपना साकार हो रहा है। मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार राकेश सचान ने कहा कि आज स्वयं सहायता समूह के माध्यम से देश की महिलाओं को रोजगार के नये अवसर प्रदान हो रहें हैं। सतना सांसद गणेश सिंह ने कहा कि 90 के दशक में जब नाना जी चित्रकूट आए तो उन्होंने ग्राम विकास का ऐसा मॉडल खड़ा किया जिसने लोगों के लिए स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त किया। जो मॉडल नाना जी ने खड़ा किया यह पूरे देश के गांव के लिए है। उन्होंने सभी अन्य राज्यों के मंत्री गणों से भी आग्रह किया कि यह मॉडल सभी राज्यों के ग्रामों तक अनुकरणीय बने। बांदा चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल ने कहा कि नानाजी ने जो सपना देखा था वह अब व्यापक रूप ले चुका है। नानाजी भले ही शरीर से आज हमारे बीच न हों पर ये ग्रामोदय मेला इस बात का सदैव एहसास कराता हैं कि नानाजी आज भी हमारे पास है।
इस दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय विचार में पंचज यानी पांच महाभूत जिसमें जल, जंगल, जमीन, जन और जानवर ये सभी भगवान के द्वारा दी गई अमूल्य भेंट हैं और इनका संवर्धन करने पर संपूर्ण सृष्टि का विकास होगा और इसके लिए एकात्म दृष्टिकोण की आवश्यकता है। दीनदयाल शोध संस्थान पंचज के प्रमुख घटक जल पर प्रमुखता से काम कर रहा है। सुजलाम-जल संस्कृति सेमिनार उसी का एक हिस्सा है।