जिला जबलपुर – समाजसेवी संस्था रिलायंस फाउंडेशन का सूचना सेवा कार्यक्रम महिला किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है यह कहना है ग्राम बोदा की वृद्ध महिला कृषक श्रीमती तारा बाई नगपूरे का, महिला किसान मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हुई कृषक हैं और गांव में विभिन्न 28 समूहों के साथ मां भवानी ग्राम संगठन में लगभग 400 महिलाओं को सचिव के पद पर रह कर नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा दे रही है तारा नगपुरे खेतीवाड़ी करके परिवार के भरण-पोषण में अपने पति का सहयोग करती हैं
महिला किसान ने बताया कि विगत खरीफ की फसल में रिलायंस फाउंडेशन के द्वारा उन्नत धान की खेती हेतु अनेक कार्यक्रम डिजिटल खेती की पाठशाला के अंतर्गत संचालित किए गए जिनमें वे घर बैठे अपने दैनिक जीवन के कार्य करते हुए शामिल होती रही है कृषि वैज्ञानिकों के बताए गए परामर्श के आधार पर धान की फसल में कतार से बोनी करना, बीच का उपचार करना, पौधे से पौधे के बीच में अंतर रखना और सही मात्रा में खाद और कीटनाशकों का छिड़काव करना जैसे विषयों पर उन्हें प्रशिक्षण मिलता रहा जिनका अनुसरण करने पर इस बार उन्हें 3 एकड़ की धान की खेती में लगभग 10 क्विटल धान का अतिरिक्त उत्पादन लाभ प्राप्त हुआ है, उन्होंने बताया कि इस बार धान की फसल में सफेद बाली और बदरा की समस्या हो रही थी जिस के नियंत्रण हेतु रिलायंस फाउंडेशन के डिजिटल खेती की पाठशाला कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र बड़गांव के प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर एल राउत के निर्देशन पर डॉक्टर रमेश अमूले का हमारे खेतों पर भ्रमण किया गया था साथ ही व्हाट्सएप प्रश्न उत्तर कार्यक्रम के जरिए उनके द्वारा मार्गदर्शन के रूप में पत्ती लपेटक कीट,सफेद माहू, तनाछेदक कीट, आदि रोग और कीटों का अवलोकन कर विभिन्न दवाओं के प्रयोग करने की सलाह दी गई, जिसका अनुसरण करने पर फसल से सफेद बाल की समस्या नियंत्रित होने लगी और जहां अन्य गांवों के किसानों को धान की फसल में नुकसान हो रहा था वही मुझे इस बार कीट और रोग से फसल बचने के परिणाम स्वरुप 3 एकड़ धान की फसल में लगभग 20000 रुपए का अतिरिक्त उत्पादन लाभ प्राप्त हुआ है अन्य लोगों को प्रेरित करते हुए वे रिलायंस फाउंडेशन के निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 18004198800 पर सुबह 9:30 से शाम के 7:30 बजे तक फोन लगाकर जुड़ने के लिए और कृषि और पशुपालन के प्रश्नों के उत्तर के समाधान के लिए प्रेरित करते हुए रिलायंस फाउंडेशन के सूचना सेवा कार्यक्रम और विज्ञान केंद्र बड़गांव बालाघाट के कृषि वैज्ञानिकों के साथ कृषि विभाग बालाघाट को हृदय से धन्यवाद देती देती है।