तीन पूर्व सरपंच जायेंगे जेल-आँचलिक ख़बरें-के के शर्मा

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शासकीय धनराशि का दुरूपयोग करने पर जिला पंचायत सीईओ श्री तिवारी ने जारी किए वारंट।

ग्वालियर 03 फरवरी 2022/ शासकीय धनराशि निकालकर उसका निर्माण कार्य पूर्ण कराने में उपयोग न करने अर्थात शासकीय धन का दुरूपयोग करने वाले पूर्व सरपंचों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इस कड़ी में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी श्री आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत तीन ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंचों को जेल भेजने के लिये अलग-अलग वारंट जारी किए हैं।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी ने अलग-अलग आदेश जारी कर जिले की “जनपद पंचायत भितरवार” की “ग्राम पंचायत मऊछ” की पूर्व सरपंच श्रीमती राजकुमारी किरार,
” ग्राम पंचायत गधौटा “की पूर्व सरपंच श्रीमती सुविन्दर कौर और “ग्राम पंचायत उर्वा “के पूर्व सरपंच श्री गौरव शर्मा को अभिरक्षा में लेकर 30 दिवस के लिये जेल में रखने के दिए निर्देश।

1….जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सरपंच” ग्राम पंचायत मऊछ श्रीमती राजकुमारी किरार” द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत मंजूर हुए 76 शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं कराया और लगभग एक लाख 75 हजार रूपए की राशि अनाधिकृत रूप से अपने पास रखकर उसका दुरूपयोग किया।

2….इसी तरह “ग्राम पंचायत गधौटा की पूर्व सरपंच श्रीमती सुविन्दर कौर “ने निर्मल भारत अभियान के तहत मंजूर हुए 82 शौचालयों की लगभग एक लाख 89 हजार रूपए की राशि का दुरूपयोग किया है।

3…. साथ ही “ग्राम पंचायत उर्वा के सरपंच श्री गौरव शर्मा “ने पंचायत भवन की छत का निर्माण गुणवत्ताहीन कराया। बीम की मोटाई कम होने से छत झुकी हुई पाई गई।
इस प्रकार यह कार्य अनुपयोगी रहा और पूर्व सरपंच की वित्तीय अनियमितता सामने आई।
इन तीनों ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंचों के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर उक्त राशि चुकाने हेतु समय दिया गया। किंतु उन्होंने रकम नहीं चुकाई। प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, किंतु पूर्व सरपंचों द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई।
इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन जेल में सुपुर्द करने के लिए अलग-अलग वारंट जारी किए गए।

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