मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदुस्तानी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा-आँचलिक ख़बरें-फय्याज खान

News Desk
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https://youtu.be/L0JGo_jaFMg‌‌

 

उत्तर प्रदेश जिला बरेली के सबसे बड़ी ग्राम सभा ग्राम मोहनपुर हरीद्वार अखाड़े से आए साधु मलंग बाबा ने मुस्लिम ग्रंथ के कई पन्नों पर रोशनी डालते हुए मक्का और मदीने और बड़े पीर की जिंदगी पर चर्चा करके मुस्लिम समाज को चौंकाते हुए यह संदेश दिया की लिबास कोई भी हो चाहे कोई हो रूप इंसान को सिर्फ और सिर्फ इंसान के ही रूप में रहना चाहिए बाबा बर्फानी मलंग ने हजरत मोहम्मद मुस्तफा की जिंदगी पर कई शेर सुनाएं और कई हदीस के पन्नों पर रोशनी डालते हुए यहां के मुखिया को विधानसभा के लिए आशीर्वाद के साथ दुआएं भी दी बताते चलें बाबा बर्फानी के मुताबिक वह 16 साल पुलिस विभाग में एक बड़े आधे पर अधिकारी के रूप में सेवा कर चुके हैं बाबा ने आगे कहा यह दुनिया और दुनिया वाले यहीं रह जाने हैं दुनिया में इंसान को इंसानियत से पहचानना चाहिए यही नहीं बाबा मलंग ने आसाराम और विकास दुबे का जिक्र करते हुए यह कहा आसाराम के पास क्या कमी थी आज आज 8 फीट की कोठरी उसका मुकद्दर बन गई वही विकास दुबे भी अपने अंजाम को पहुंचा इसके बाद बाबा मलंग ने वहां मौजूद लोगों के सर पे हाथ रखते हुए एक शेर कहा और वहां से रुखसत हो गए. दौराए फिरका परस्ती में तरीका ए इंसान भी हो, कुछ मेरी जिम्मेदारी तो कुछ उसका एहसान भी हो हो पैदा खुलूस इतना मजहब की सरहदों में, मंदिर का पुजारी काश मस्जिद का निगेहबान भी हो.

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