गरीब तरस रहा रोटी के लिए सरकार दे रही सिर्फ चावल-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

Aanchalik Khabre
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मैहर । तहसील में अलग-अलग गाँवों में इस समय लोगों को राशन में सिर्फ चावल ही मिल रहा है अथवा कहीं कही अधिकतम मात्रा में चावल साथ में नाम मात्र का गेहूं भी दिया जा रहा है ऐसी जगह बहुत कम है जहां गेहूं नाम मात्र का दिया जा रहा है और ऐसा भी हो रहा है कि ना गेहूं ना चावल कुछ भी नहीं मिल रहा है। यह आरोप ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रभात द्विवेदी दद्दा ने लगाए हैं श्री द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान हालातों पर गरीबो के उत्थान का ढिंढोरा तो भारतीय जनता पार्टी के लोगों द्वारा बजाया जाता रहा है वास्तविक क्षेत्र में वह योजनाओं का लाभ यथार्थ में नहीं मिल पा रहा है वहीं श्री द्विवेदी ने मांग कि है कि इन गरीब परिवारो को राशन में गेहूं भी चाहिए। रोटी तो किसी भी चीज़ के साथ रूखी-सूखी खाई जा सकती है पर चावल नहीं खाया जा सकता। यह बात कहीं न कहीं लोगों की आर्थिक स्थिति की तरफ इशारा भी करती है। उनके लिए गेहूं अर्थात गेहूं से बनी रोटी उनकी परिस्थिति के साथ घुल-मिल जाती है पर चावल खाने के लिए अन्य पदार्थों की ज़रुरत उनकी परेशानी का सबब है ।
श्री द्विवेदी ने सरकार से कहा कि उन्हें सिर्फ चावल नहीं चाहिए। चावल के लिए बहुत सारी सामग्री चाहिए होती है। सिर्फ सूखा चावल बनाकर नहीं खा सकते। गेहूं हो तो उसे पिसवाकर रोटी बनाते हैं और उसे चटनी या मिर्च-मसाला के साथ खा लेते हैं।उनकी इतनी कमाई नहीं है कि दूध या मट्ठे का जुगाड़ कर सकें। वह चाहते हैं कि जिस तरह से पहले खाद्य वितरण होता आ रहा है उसी तरह से होना चाहिए। वह सिर्फ चावल वितरण से खुश नहीं है। श्री द्विवेदी ने आगें कहा कि सरकार कर रही है मनमर्ज़ी अगर सिर्फ चावल देने का आदेश ऊपर से आया है तो इसकी जानकारी उन्हें भी होनी चाहिए। सरकारी नुमाइंदे शासन की अस्पष्ट नीतियों को अपनी ढाल बना बैठे हैं इसलिए शासन को अपनी नीति स्पष्ट करनी होगी सरकार गरीबों के लिए हैं अथवा कोटेदारों के लिए है बहुत सा लाभ गरीबों के हित वाला बीच वाले बिचौलिए ले रहे हैं ।

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