झाबुआ , प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के मार्गदर्शन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के सचिव/जिला न्यायाधीश लीलाधर सोलंकी के निर्देशानुसार दिनांक 10 दिसम्बर-2022 विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत चारोलीपाड़ा जिला झाबुआ में मध्यस्थता जागरूकता शिविर का आयोजन जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल के द्वारा किया गया। शिविर में ग्रामीणजनों को मानवाधिकारों की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार का तात्पर्य उन सभी अधिकारों से है, जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिभा से जुडे़ हो। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, घर, रोजगार, भोजन जैसी बुनियादी जरूरतें सबको पाने का समान अधिकार है और इसमें अड़चनें पैदा करना मानवाधिकारों का हनन है। अग्रवाल ने कहा कि बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकारों की अनदेखी पर कोई भी व्यक्ति कोर्ट जा सकता है। शिविर में लोगों से आग्रह किया कि अधिकतर मामलों को मध्यस्थता के द्वारा सुलझाने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि लोगों में आपसी भाईचारा कायम रह सकें। शिविर में नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 एवं नालसा (आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत् श्रम कानून, बंधुआ मजदूर, श्रम कार्ड, नालसा/सालसा की योजनाऐं, लोक अदालत, मध्यस्थता, निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह, पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता आदि की विस्तार से जानकारी दी गई। उक्त शिविर में चेतना हाई स्कूल से बेनेडिट डामोर, ग्राम पंचायत सरपंच बिजू मेडा, सचिव खुमसिंह भुरीया, तड़वी, रोजगार सहायक एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे। उक्त शिविर में प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से संबंधित पेम्पलेट वितरित किये गये।