माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन पर किशोरियों, सामुदायिक रिसोर्स पर्सन टीम और जमीनी कार्यकर्ता की क्षमता निर्माण की पहल
झाबुआ , झाबुआ जिला प्रशासन वर्तमान में झाबुआ जिले को माहवारी सुलभ बनाने के लिए मिशन महिमा के शुरुयात किया है, जिसका उद्देश्य जिले की 5.5 लाख आदिवासी महिला और किशोरियों को लाभान्वित करना, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन सेवा वितरण श्रृंखला को मजबूत करना ताकि झाबुआ पहला श्माहवारी सुलभ जिलाश् बन सके। इस पहल के तहत जिला प्रशासन वर्तमान में ग्रामीणों नगर से जुड़े विभिन्न विभागों के अपने 8000 फ्रंट लाइन वर्कर कैडर को कौशल प्रदान कर रहा है, जो जिलों के विभिन्न कोनों तक पहुंचेगा और समुदाय में माहवारी स्वास्थ्य और सच्छता बिषय पर जागरूकता पैदा करने में शामिल होंगे।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के तत्वावधान में आजीविका मिशन की जिला इकाई ने मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन सेवा वितरण श्रृंखला पर समुदाय को मजबूत करने के लिए 16 व 17 नवंबर को झाबुआ एवंपेटलावद प्रखंड के 82 फ्रंट लाइन वर्कर्स केलिएसुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं और दृष्टिकोण पर दो एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशालाओं का आयोजन किया। पहल के तहत प्रशासन द्वारा नियोजित क्षमता निर्माण पहलों की श्रृंखला के बीच ये पहली दो कार्यशालाएँ थीं। यूनिसेफ और आनइनहीबिटेड कार्यक्रम की योजना और कार्यान्वयन में प्रशासन को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं।प्रतिभागियों को खेल और गतिविधि के माध्यम से सुरक्षित मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन की पहुंच, निपटान और व्यवहारिक पहलू पर उन्मुख किया गया।
कार्यशालाओं के प्रतिभागियों में जिले में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम (आरकेएसके) के तहत साथिया के रूप में शामिल किशोर बालिका चैंपियन और आजीविका मिशन के तहत गठित क्लस्टर-स्तरीय संघों (सीएफएल) से जुड़े सामुदायिक रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) शामिल थे।यह गांवों में ग्रामीण आदिवासी समुदायोंमें आने वाले हफ्तों में मिशन महिमा सप्ताह शुरू करने के लिए जिले की तैयारी के अनुरूप भी है।आगामी अभियान के दौरान, ये जमीनी कार्यकर्ता स्थानीय युवाओं और महिला समूहों के साथ मिलकर कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। इस कार्यक्रम में खेल और गतिविधि-आधारित सामाजिक समारोहों और मैत्रीपूर्ण प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतिभागियों को विषयों के आसपास सामाजिक वर्जनाओं को दूर करने के प्रति उन्मुख किया जायेगा।
पहले चरण में, जिला प्रशासन का लक्ष्य 50 गांवों के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में इस तरह के आयोजन करके 10000 समुदाय के सदस्यों, किशोर लड़कियों और महिलाओं तक पहुंचना है। प्रखंड मुख्यालय स्थित आजीविका मिशन प्रशिक्षण केन्द्रों में जिला परियोजना प्रबंधक देवेन्द्र श्रीवास्तव एवं आजीविका मिशन एनआरएलएम की युवा सलाहकार मिनाक्षी, आरकेएसके से अजहर, आनइनहीबिटेड के नेहा एवं स्वाति, यूनिसेफ की ओर से आनंद पीटर्स एवं सास्वत नायक की उपस्थिति में प्रशिक्षण आयोजित किया गया.