रमजान का आया महीना रखे जाएंगे रोजे-आँचलिक ख़बरें-भैयालाल धाकड़

Aanchalik Khabre
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शनिवार को चांद हुआ तो रविवार को होगा पहला रोज़ा

विदिशा / मुस्लिम धर्माविलंबियो का पवित्र एक महीने तक चलने वाला बरकतो का महीना रमजान शनिवार को चांद दिखने के साथ शूरू होगा
मुस्लिम त्यौहार कमेटी के जिलाध्यक्ष मुआज़ मेहमूद कामिल ने बताया कि रमजान का चांद दिखते ही बरकतों का महीना रमजान शुरू होता है और ईद का चांद देखकर खत्म होता है। इस महीने में सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजा रखा जाता है और रात में विशेष नमाज अदा की जाती है जिसे तरावीह कहते हैं। इस महीने के खत्म होने पर ईदुल फितर का त्योहार मनाया जाएगा।
इस पूरे माह मुस्लिम धर्मावलंबी रोजा, नमाजों, तरावीह, कुरआन की तिलावत की पाबंदी करते हैं। रमजान इस्लामी महीने का नौवां महीना है। इसका नाम भी इस्लामिक कैलेंडर के नौवें महीने से बना है। यह महीना इस्लाम के सबसे पाक महीनों मे शुमार किया जाता है। इस्लाम के सभी अनुयाइयों को इस महीने में रोजा, नमाज, फितरा आदि करने की सलाह दी गयी है। रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है। हर हिस्से में दसश दस दिन आते हैं।
हर दस दिन के हिस्से को अशरा कहते हैं जिसका मतलब अरबी मैं 10 है। इस तरह इसी महीने मे पूरी कुरान नाजिल हुयी जो इस्लाम की पाक किताब है। कुरान के दूसरे पारे की आयत नंबर 183 में रोजा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया है।
रोजा सिर्फ भूखे, प्यासे रहने का नाम नहीं बल्कि गलत काम से बचना भी है। इसका मतलब हमें हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों को नियंत्रण में रखना है। कुरान मे इस मुबारक महीने में किसी तरह के झगडे या गुस्से से न सिर्फ मना किया गया है बल्कि किसी से गिला शिकवा है तो उससे माफी मांग कर समाज में एकता कायम करने की सलाह दी गई है। इसके साथ एक तय रकम या सामान गरीबों में बांटने की हिदायत है जो समाज के गरीब लोगों के लिए बहुत ही मददगार है।
रोज़ा हर बुराई से बचने को ढाल है रोजे में सब्र करे और सब्र का बदला जन्नत है
मुस्लिम त्यौहार कमेटी ने रमजान के महीने में जिला प्रशासन से विशेष व्यवस्था किए जाने की मांग की है ।।

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