सुपोषण के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में होंगे विविध आयोजन-आँचलिक ख़बरें-हेमंत वर्मा

Aanchalik Khabre
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शिशु संरक्षण माह 4 मार्च से, सुपोषण के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में होंगे विविध आयोजन
० कोविड प्रोटोकाल के तहत आयोजित किए जाएंगे सत्र
राजनांदगांव। आगामी 4 मार्च से जिले में शिशु सरंक्षण माह का आयोजन किया जाएगा जो 8 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान शिशुओं के सुपोषण व स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विविध आयोजन किए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से आंगनवाड़ी स्थित सत्रों में संपूरक पोषण आहार की सेवाओं को हितग्राहियों की पात्रता के अनुरूप उपलब्ध कराया जाएगा। अति गंभीर कुपोषित श्रेणी के बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केन्द्रों में उपचार हेतु भर्ती किया जाएगा।
शिशु संरक्षण माह के अंतर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सुपोषण अभियान के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है। इस दौरान प्रतिदिन सुबह 9 से शाम 4 बजे तक सुपोषण से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। निर्धारित आयु के बच्चों को निश्चित अंतराल में विटामिन-ए सिरप और आईएफए सिरप दिया जाएगा। साथ ही बच्चों का वजन भी लिया जाएगा। वहीं पोषण आहार के विषय में बच्चों की आयु के अनुरूप आहार की जानकारी दी जाएगी।
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया-शिशु संरक्षण माह के दौरान 9 माह से 1 वर्ष के बच्चों को विटामिन-ए  सिरप 1 एमएलए 1 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन-ए सिरप 2 एमएल तथा 6 माह से 59 माह के बच्चों को सप्ताह में एक बार आईएफए सिरप 1 एमएल पिलाया जाएगा।
वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथिलेश चौधरी ने बताया-कोविड-19 संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक शिशु संरक्षण माह सत्र हेतु पंचायत एवं शहरी विकास विभाग से समन्वय कर पूर्व में ही स्थान का चयन तथा शारीरिक दूरी के दिशा-निर्देश के अनुसार बैठक व्यवस्था तथा आगमन एवं निकास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। शिशु संरक्षण माह सत्र के बाद वह स्थान, बैठक व्यवस्था एवं अन्य सामग्री का सेनिटाइजेशन किया जाएगा। शिशु संरक्षण माह के सत्र कोविड-19 के सामान्य दिशा-निर्देशों (मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने व हाथ धोना) का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक करने का निर्देश दिया गया है।
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सेहत के लिए जरूरी है दूरी…
ग्रामीण, पंचायत स्तर से विकासखंड स्तर पर एएनएम द्वारा बैठक, गृह-भ्रमण, एसएसएम सत्र से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। प्रति सत्र अधिकतम 10-15 लाभार्थी ही उपस्थित रहेंगे। शिशु संरक्षण माह सत्र के दौरान स्टैंडर्ड अप्रोच का पालन किया जाएगा। लाभार्थियों को अलग-अलग समय (टाइम स्लॉट) पर बुलाया जाएगा। प्रत्येक टाइम स्लॉट एक घंटे का होगा एवं एक स्लॉट में अधिकतम 10 लाभार्थी शामिल होंगे जिसमें प्रत्येक लाभार्थी के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी रहेगी। लाभार्थी की संख्या अधिक होने की स्थिति में एक से अधिक सत्र का आयोजन किया जा सकता है।

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