जिला कटनी – बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत कस्बे में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें दिनवा दिन बढ़ती जा रहीं हैं। इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। कस्बा में जगह-जगह बिना रजिस्ट्रेशन वाले डॉक्टर धड़ल्ले से क्लीनिक चला रहे हैं। इतना ही नहीं क्लीनिकों के नाम बड़े शहरों के क्लीनिकों की तर्ज पर रखे गए हैं जिससे लोग आसानी से प्रभावित हो जाते है। मरीज अच्छा डॉक्टर समझकर इलाज करवाते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं रहता है कि उनका इलाज भगवान भरोसे किया जा रहा है। फर्जी डॉक्टरों के लिए यह धंधा काफी लाभदायक है। मरीजों को लुभाने के लिए बड़े डॉक्टरों की तर्ज पर जांच करते हैं और जांच के आधार पर मरीज का इलाज भी करते हैं,जिससे मरीज को लगे कि डॉक्टर सही हैं एवं उनका इलाज सही तरीके से किया जा रहा है। कसबा की लगभग हर गली में एक-दो फर्जी क्लीनिक चल रही है फर्जी डाक्टरों ने इस धंधे को और लाभदायक बनाने के लिए जिला के कुछ निजी अस्पतालों से भी सांठगांठ कर रखी है। मरीज की हालत ज्यादा गंभीर होने पर फोन से सम्पर्क कर भेज देते हैं, जहां से उन्हें कमीशन के तौर पर फायदा होता है। फर्जी डॉक्टरों का ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम धंधा फल-फूल रहा है। फर्जी डॉक्टर ग्राम स्तर पर शाखाएं जमाए हुए हैं और बड़े डॉक्टरों की तर्ज पर सप्ताह में चार दिन बिना संसाधनों के क्लीनिक चलाते हैं। फर्जी डॉक्टर वहीं दवा लिखते है जिनमें उन्हें कमीशन मिलता है। अक्सर ऐसे मामले देखने को मिलते है कि फर्जी डॉक्टरों के इलाज से मरीज की जान पर आफत आ जाती है और फर्जी डॉक्टर अपने बचाव के लिये प्राईवेट अस्पताल रेफर कर देते हैं। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को इनकी भनक तक नहीं है कि क्षेत्र में फर्जी डॉक्टरों द्वारा कितने बिना पंजीकरण के क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं।यदि शीघ्र ही फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इनकी संख्या बड़ी तादाद में बढ़ जाएगी और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए जिससे आम जनमानस को फर्जी डॉक्टर के चुंगल से बचाया जा सके।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत नदावन कुठिया मुहगवा पिपरिया कला बुजबुजा झिरिया ग्राम में कई वर्षों से जमे झोलाछाप बंगाली व स्थानीय डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रो में सक्रिय हो जाते हैं। बिना डिग्री, डिप्लोमा के इलाज कर लोगों की जान से खिलवाड़ करने में जुट जाते हैं लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी विभागीय अफसर शांत बैठे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी दुकानदारी जमा ली है।
बढ़ती संख्या ने बढ़ाई चिंता
स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई न करने के कारण ही इनकी तादाद बढ़ती जा रही है। कार्रवाई न होने का फायदा उठाते हुए दूसरे जगहों के फर्जी डॉक्टर भी यहां आकर इलाज करने लगे हैं। गर्मी का मौसम लगते ही सर्दी खांसी व बुखार के मरीज जाते हैं। बड़े डॉक्टर को दिखाने के बजाय लोग झोलाछाप डॉक्टरों के पास अपना इलाज कराने लगते हैं। इलाज करने के एवज में झोलाछाप डॉक्टर्स शुल्क भी ले रहे हैं। लगातार झोलाछाप डॉक्टरों की तादाद बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। विभागीय अधिकारी शिकायत के आधार पर कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं ज्यादातर विरोधाभास के चलते लिखित शिकायत नही हो पाती है मरीज सब सहन कर रहे हैं
विगत दिनों बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा झिरिया ग्राम पहुंचकर एक बंगाली झोलाछाप डॉक्टर के यहां छापेमारी की गई थी बड़ी बात यह है क्या बरही स्वास्थ्य विभाग के लिस्ट में एक ही झोलाछाप डॉक्टर था जिसके यहां छापेमारी की गई और क्यो नही दिखाई दिए जानकारी के मुताबिक जिस गांव में स्वास्थ्य विभाग का हाथ पहुंचा उसी गांव में एक सिनगौड़ी का डॉक्टर अपनी दुकान खोल रखा है उसकी क्यो जांच नही की जा रही वही पिपरिया कला में सिनगौड़ी रोड में संचालित पटैल मेडिकल स्टोर्स के ऊपर एक डॉक्टर खुलेआम दवा कर रहा है उसकी जांच क्यो नही की जा रही नदावन बुजबुजा ग्राम में भी एक एक बंगाली डॉक्टर हैं इनके दस्तावेज क्यों नही खंगाले जा रहे हैं आखिर एक डॉक्टर पर कार्यवाही कर स्वास्थ्य विभाग क्या सन्देश देना चाह रहा है और भी झोलाछाप डॉक्टरो के क्लीनिक में छापेमार कार्यवाही की जाए और इनके दस्तावेज खंगाले जाए तब तो नियमानुसार कार्यवाही मानी जायेगी चुकी नियम तो सभी के लिए एक ही है अलग अलग नही दायरे में सब आते हैं सिर्फ जांच होना बकाया है स्वास्थ्य विभाग अपना मोहभंग कर निष्पक्ष जांच बस करे। अब देखना यह बकाया होगा क्या बरही स्वास्थ्य विभाग एक तरफ से झोलाछाप डॉक्टरो पर नकेल कसेगा या ऐसे ही छूट मिली रहेगी