जी.एस.टी.ए. चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त-आंचलिक ख़बरें-राजेश शर्मा

News Desk
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जी.एस.टी.ए. चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त, शीघ्र घोषित की जाए चुनाव की तिथि : अजय वीर यादव
नई दिल्ली (राजेश शर्मा) -शिक्षा विभाग के अवार्ड ब्रांच द्वारा कल सर्कुलर जारी कर जी.एस.टी.ए. के चुनाव हेतु योगेश जैन (सहायक शिक्षा अधिकारी जिला पश्चिम-अ) को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है। जारी सर्कुलर के विषय में विस्तार से बताते हुए राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने कहा है कि वर्तमान जी.एस.टी.ए. कार्यकारिणी वर्ष 2014 के जुलाई माह में गठित हुई थी। जी.एस.टी.ऐ. संविधान के अनुसार कार्यकारिणी का कार्यकाल सिर्फ तीन वर्ष का होता है अर्थात वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल जुलाई 2017 में समाप्त हो चूका था।
कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात जी.एस.टी.ए. संविधान के अनुसार अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए महासचिव अजय वीर यादव ने शिक्षा निदेशक व शिक्षा मंत्री सहित मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर जी.एस.टी.ए. के चुनाव कराने कि मांग कि थी परन्तु राजनैतिक मजबूरियों के कारण दिल्ली सरकार ने जी.एस.टी.ए. चुनाव नहीं कराये।
सरकार के रुख को देखते हुए महासचिव अजय वीर यादव ने अपने पद का सच्चाई – समर्पण से निर्वाहन करते हुए 31 जनवरी 2018 को समस्त शिक्षक समाज कि आम सभा का आयोजन कर सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास हुआ की जुलाई 2018 में चुनाव कराएँ जाए। आम सभा में पास सभी प्रस्तावों कि प्रतिलिपि सभी शिक्षक संगठनो की मौजूदगी में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को सौपी गयी। दिल्ली विधानसभा के चनाव से पूर्व शिक्षा मंत्री ने जी.एस.टी.ए. के चुनाव को कराना उचित नहीं समझा और टाल दिया। इस बढ़ते हुए कार्यकाल का कुछ पदाधिकारियों ने भी निहित स्वार्थ में खूब लाभ उठाया तथा शक्तिशाली संगठन कमज़ोर पड़ता दिखाई दिया और कुछ लोग स्वयं ही मैं अध्यक्ष- तू अध्यक्ष बन्ने का खेल खेलने लगे। गौरतलब है कि जी.एस.टी.ए. कार्यकाल समाप्ति को लगभग चार वर्ष पूरे होने वाले है अर्थात इस दौरान एक कार्यकारिणी का कार्यकाल और हो सकता था। इस दौरान महासचिव अजय वीर यादव ने उपराज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री तक सभी को 20 बार पत्र लिखे तब जाकर यह एक सर्कुलर जारी हुआ। ज्ञात हो कि इससे पहले भी सरकार कि हिला-हवाली के कारण 12 वर्षो के बाद चुनाव हुए थे, इसके पीछे सरकार का मकसद जीएसटीए जैसे मज़बूत संगठन को कमज़ोर करना होता है। अब भी शिक्षक समाज को संदेह है कि पूर्व की भाँती निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने के बाद भी साल-दो साल किसी न किसी बहाने से चुनाव टाले जा सकते है इसपर अजय वीर यादव जल्द शिक्षा निदेशक से मिलकर चुनाव कि तिथियाँ घोषित कि मांग करेंगे, साथ ही निर्वाचन अधिकारी भी जॉइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी का होना अनिवार्य है, इस तथ्य को भी निदेशक महोदय के सामने रखेंगे।

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