8 नवंबर 2016, नोटबंदी के नाम पर देश को अचानक लाइन में लगा दिया गया। लोग अपना ही पैसा निकालने के लिए तरस गए, कई घरों में शादियां थी, बच्चों और बुज़ुर्गों के इलाज चल रहे थे, गर्भवती महिलाएं थी लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं थे, घंटों लाइन में लगने की वजह से कई लोगों की मृत्यु हो गई।
2022 – RBI के हवाले से ख़बर आयी कि बैंक में पहुंचे 500 के 101.9% और 2 हजार के 54.16% से ज़्यादा नोट, नकली हैं।
2016 में जहां 18 लाख करोड़ ‘कैश इन सर्कुलेशन’ में था, वहीं आज 31 लाख करोड़ ‘कैश इन सर्कुलेशन’ में है। सवाल है कि आपके ‘डिजिटल इंडिया’, ‘कैशलेस इंडिया’ का क्या हुआ, प्रधानमंत्री जी?
नोटबंदी के वक़्त मैंने कहा था कि ये ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ है। गलतफ़हमी में मत रहिए- मोदी जी से ग़लती नहीं हुई, ये जानबूझ कर किया गया है ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपये कर्ज़ माफ किया जा सके और उनके कालेधन को सफेद किया जा सके।
राजा के एक तानाशाही फरमान ने जनता को कभी न भूल पाने वाली चोट दी है, नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा।
ऐसे और पोस्ट देखने के लिए और अखिल भारतीय सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस कमेटी से जुड़ने के लिए राजा भैया पटेल से संपर्क करें
नोटबंदी के नाम से देश को अचानक लाइन पर लगा दिया है मोदी ने-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

Leave a Comment
Leave a Comment