गाजियाबाद जिला महानगर भाजपा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 की चर्चा वार्ता हेतु एक प्रेस वार्ता का आयोजन आरडीसी राज नगर स्थित होटल कितने सागर के सभागार में किया. प्रेस को संबोधित करने सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य उपस्थित रहे. इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने बताया नाम तो संशोधन अधिनियम 2019 की जरूरत ही नहीं पड़ती अगर देश का धार्मिक आधार पर बंटवारा ना हुआ होता कांग्रेस की नीतियों के कारण ही देश का धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ 1950 में हुए नेहरू लियाकत समझौता के अनुसार दोनों देश अपनेयहां रहने वाले अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करेंगे और उन्हें अपने धर्म के सम्मान और रक्षा की पूर्ण छूट दी जाएगी लेकिन पाकिस्तान में यह समझौता पूर्ण रूप से फेल हो गया 1947 में पाकिस्तान में जहां अल्पसंख्यकों की संख्या 23% थी वह 2011 में मात्र 3.7% रह गई इसलिए पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों (हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी ईसाई) के हितों की रक्षा के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 लाया गया.
26 सितंबर 1947 को महात्मा गांधी ने एक सभा में खुले तौर पर कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख हर नजरिए से भारत आ सकते हैं अगर वहां निवास नहीं करना चाहते उसी स्थिति में उन्हें नौकरी देना और उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का पहला कर्तव्य है नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 बनाकर गांधी जी के वचन का सम्मान करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है साथ ही पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार असंख्य विस्थापित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दिया है.
पत्रकारों के सवाल-जवाब के दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) क्या है के बारे में बताते हुए कहाकि नागरिकता संशोधन कानून की सहायता से पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश मैं धार्मिक विकिरण के कारण वहां से विस्थापित हिंदू सिख जैन बौद्ध पारसी और इसाई धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी अब पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू सिख जैन बौद्ध पारसी ईसाई धर्म के वह लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था वे सभी भारत की नागरिकता के पात्र होंगे.
मुसलमानों को इससे बाहर क्यों रखा गया है सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने बताया पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश संवैधानिक मुस्लिम देश है वहां धर्म के नाम पर मुस्लिम उत्पीड़ित नहीं होते इसलिए उन्हें इस एक्ट में शामिल नहीं किया गया है यह स्मरण रहे कि इस अधिनियम में उत्पीड़ित समुदायों के विशिष्ट वर्ग को लाभ दिया गया है किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है.
अगले सवाल क्या पूर्वोत्तर के राज्यों में यह लागू होगा के जवाब में बोलते हुए कहा की नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रावधान संविधान की 6वीं अनुसूची में शामिल असम मेघालय त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होंगे इनर लाइन परमिट के तहत नियमित क्षेत्रों को भी इससे छूट दी गई है मणिपुर को भी एलपी के दायरे में लाया गया है.
नागरिकता कानून 1955 के अनुसार अवैध निवासी कौन है के जवाब में उन्होंने कहा वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश करने वाले लोग घुसपैठिए या वैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करने वाले वह लोग जो स्वीकृत अवधि के बाद भी वापस नहीं गए हैं वह सभी अवैध प्रवासी हैं घुसपैठिए हैं.
पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों द्वारा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से यह पूछे जाने पर कि इसके खिलाफ प्रदर्शन क्यों हो रहा है के उत्तर देते हुए बताया कि तक वोट बैंक की राजनीति करने के लिए भ्रम फैला रहा है मुसलमानों में यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि वह मुसलमानों से देश की नागरिकता छीन लेने का कानून है यह झूठ फैलाया जा रहा है कि इस कानून से भारत के मुस्लिमों को घुसपैठिया बताया जाएगा यह भ्रामक दुष्प्रचार किया जा रहा है कि इस कानून से एनआरसी बनाया जाएगा मुसलमानों में भय व्याप्त कर कुत्सित राजनीति हताश विपक्ष कर रहा है.
उन्होंने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सदैव देश के साथ धोखा किया और वामपंथी विचारधारा के समर्थक के रूप में सदैव खड़ी रही. सपा बसपा व अन्य क्षेत्रीय दलों को भी अपने कुंठित मानसिकता में शामिल करते हुए राजनीतिक अध्याय को मैला किया है. इस ऐतिहासिक घड़ी में कांग्रेश भारत विभाजन की अपनी ऐतिहासिक गलतियों के लिए प्रायश्चित करने से एक बार पुनः चूक गई. इस कानून का विरोध करके कांग्रेस ने एक बार पुनः सिद्ध कर दिया है कि उसका गांधी जी के वचन, भावना और उसके दर्शन से अब कोई संबंध नहीं है. नेहरू- लियाकत समझौता के अंतर्गत जो भावना निहित रही है उसी भावना का सम्मान नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 में किया गया है यह भारत सरकार की धार्मिक कारणों से पीड़ित विस्थापितों को सुरक्षा देने की सुस्थापित नीति का अनुकरण है किंतु यह कांग्रेस की दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति है जो गांधी नेहरू के द्वारा स्थापित नीति का विरोध करके मानव अधिकारों को कुचलने का काम कर रही है. इसी को विनाश काले विपरीत बुद्धि कहा जाता है.
पत्रकार वार्ता के दौरान महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल विधायक एवं राज्य मंत्री अतुल विधायक सुनील शर्मा विधायक अजीत पाल त्यागी विधायक नंदकिशोर गुर्जर विधायक मंजू सिवाच चेयरमैन विकास तेवतिया रीना भाटी, महापौर आशा शर्मा महानगर कोषाध्यक्ष संजीव गुप्ता समरकूल वाले चंद्र मोहन शर्मा बलदेव राज शर्मा अशोक गोयल, पृथ्वी सिंह कसाना सरदार एसपी सिंह अमर दत्त शर्मा राजा वर्मा विजय मोहन अजय शर्मा मयंक गोयल,पवन गोयल, प्रशांत चौधरी,अशोक नगर, पप्पू नागर, योगेश भाटी, राजीव अग्रवाल, पप्पू पहलवान,अश्वनी शर्मा, प्रदीप चौधरी, हिमांशु शर्मा आदि उपस्थित रहे.