चित्रकूट: गायत्री शक्तिपीठ में चल रहे 5 दिवसीय महिला जागृति प्रशिक्षण शिविर का समापन दीप यज्ञ के साथ हुआ। समापन पर दीनदयाल शोध संस्थान के राष्टीय संगठन सचिव अभय महाजन, कुलपति ग्रामोदय विवि चित्रकूट वाराणसी जोन समन्वयक प्रसेन सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह भदौरिया ने मार्गदर्शन तथा शांतिकुंज से आई ब्रह्म वादिनीटोली नायक सुधा महाजन चंद्रिका और आरती बहन का अभिनंदन किया।
पांच दिवसीय शिविर में मातृ शक्तियों को कर्तव्य बोध कराया गया की राष्ट्र की निर्मात्री शक्ति नारी है। संवेदना शक्ति नारी है, संवेदना के बिना न तो धर्म सेवा हो सकती। महाभारत में भीष्म पितामह ने कहा कि जहा प्रकृति और नारी का संरक्षण होता है वही राष्ट्र आगे बढ़ता है। इसी बात को युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने कहा कि नारी संगठन पूरी दुनिया में खड़ा कर दिया। हम सभी मिलकर समाज में ग्रामीण जीवन में नारी के पिछड़ेपन से मुक्त कराना है। नारी को गरिमा का बोध कराना है। नरीजागरण का प्रभाव ही है की सबसे निचले सुविधा से वंचित समाज की महिला देश की राष्ट्रपति बन सकी।
भगवती देवी शर्मा जिनकी संवेदना करुणा प्यार से गायत्री परिवार खड़ा हुआ 2026 जन्म शताब्दी तक प्रत्येक घर में महिलाओं के माध्यम से ही गायत्री माता गुरुदेव के विचार घर घर यज्ञ पहुंचाना है। इसके लिए 18 टोलिया बनाई गई।
शुभारंभ प्रथम दिवस के सत्र का गायत्री शक्तिपीठ के संचालक डॉ रामनारायण त्रिपाठी उप जोन समन्वयक रमाशंकर द्विवेदी ने किया। दूसरे दिन अखिल विद्यार्थी परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी अतिथि रहे, तीसरे दिन कौशांबी जिला पंचायत अध्यक्षा कल्पना सोनकर, जितेंद्र सोनकर रहे। चतुर्थ दिवस में प्रांत अध्यक्ष आंगनबाड़ी माया सिंह तथा जगतगुरु रामभद्राचार्य विवि के शिक्षा संकायाध्यक्ष डॉ रजनीश सिंह ने मार्गदर्शन दिया। अंतिम दिवस में अतिथियों के अतिरिक्त शांतिकुंज के बीघनेसवर तथा बृजेश त्रिपाठी, जिला समन्वयक भवानी दीन यादव, जिला संयोजक भारतीय संस्कृति रामशरण शास्त्री, विजयचंद्र गुप्ता, सह समन्वयक जितेंद्र सिंह, तहसील समन्वयक डॉ राजकुमार शर्मा, डॉ संग्राम सिंह, शंकर दयाल त्रिपाठी, कालिका श्रीवास्तव, शांतिकुंज से राधेश्याम त्रिपाठी, युवा समन्वयक प्रमोद पटेल, रामसेवक त्रिपाठी तथा जिलों से आई प्रशिक्षणार्थी बहने जिला समन्वयक आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी सुधा तिवारी, रामजनकी शुक्ला, प्रेमलता, सविता तिवारी, पुष्पा शर्मा, स्थानीय चित्रकूट की बहने विद्यावती त्रिपाठी, उर्मिला त्रिपाठी, गायत्री गुप्ता, कृष्णा गुप्ता, रेखा दीक्षित, निधि त्रिपाठी, पंडित श्रीराम शर्मा आदि का योगदान रहा।