प्रस्तावना
भारत सरकार ने वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को लागू किया, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को समग्र, लचीला, बहुभाषी और समावेशी बनाना है। यह नीति लगभग 34 वर्षों के बाद बनाई गई और इसका प्रभाव स्कूलों से लेकर उच्च शिक्षा तक देखा जा रहा है।
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि नई शिक्षा नीति स्कूलों को कैसे बदल रही है, इसमें क्या नई बातें जोड़ी गई हैं और छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है।
1. 5+3+3+4 शिक्षा संरचना
पुरानी 10+2 प्रणाली को बदलकर अब 5+3+3+4 प्रणाली लागू की गई है:
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5 वर्ष: फाउंडेशन स्टेज (3 साल आंगनवाड़ी + 2 साल कक्षा 1-2)
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3 वर्ष: प्रारंभिक स्टेज (कक्षा 3-5)
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3 वर्ष: माध्यमिक स्टेज (कक्षा 6-8)
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4 वर्ष: उच्च माध्यमिक स्टेज (कक्षा 9-12)
➡️ इससे बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार उपयुक्त शिक्षा देने पर जोर दिया गया है।
2. शिक्षा में मातृभाषा का प्रयोग
नई नीति के तहत कक्षा 5 तक (या उससे आगे) शिक्षा मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में दी जा सकती है।
➡️ इससे छात्रों को पढ़ाई समझने में आसानी होगी और उनकी सोचने की क्षमता बेहतर होगी।
3. कोडिंग और स्किल डेवलपमेंट की शुरुआत
अब कक्षा 6 से ही कोडिंग और व्यावसायिक शिक्षा (vocational training) की शुरुआत की जाएगी।
➡️ इससे छात्र तकनीकी दुनिया के लिए पहले से तैयार हो सकेंगे।
4. मल्टीपल एंट्री-एग्ज़िट सिस्टम और विकल्प आधारित शिक्षा
छात्र अब अपने विषयों का चयन स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं। विज्ञान, कला और वाणिज्य की दीवारें अब नहीं रहीं।
➡️ उदाहरण: छात्र गणित के साथ म्यूज़िक भी पढ़ सकता है।
5. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) और मूलभूत साक्षरता
NEP में NCF (National Curriculum Framework) को लागू किया गया है, जो नई शिक्षण विधियों और मूलभूत गणना/साक्षरता पर केंद्रित है।
➡️ प्राथमिक कक्षा के छात्रों को पढ़ने, लिखने और गिनती की मजबूत नींव दी जाएगी।
6. शिक्षकों की भूमिका में बदलाव
NEP के तहत शिक्षकों की प्रशिक्षण प्रक्रिया को बेहतर बनाया गया है।
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न्यूनतम योग्यता B.Ed. अनिवार्य
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प्रशिक्षण कार्यक्रमों और टेक्नोलॉजी का प्रयोग
➡️ इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
7. शिक्षा में डिजिटल तकनीक का प्रयोग
COVID-19 के बाद डिजिटल शिक्षा का महत्व बढ़ा, और NEP ने इसे अपनाया।
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Diksha ऐप, SWAYAM, e-Content जैसे प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दिया गया है।
➡️ इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव हो रही है।
8. मूल्य आधारित और समावेशी शिक्षा
नई नीति में नैतिकता, पर्यावरणीय जागरूकता, लैंगिक समानता और समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
➡️ इससे छात्रों का समाज और जीवन के प्रति दृष्टिकोण व्यापक होगा।
निष्कर्ष
भारत की नई शिक्षा नीति 2020 ने स्कूलों की संरचना, पाठ्यक्रम, भाषा, तकनीक और शिक्षकों की भूमिका में बड़े बदलाव किए हैं। यह नीति छात्रों को न केवल परीक्षा-आधारित ज्ञान बल्कि जीवन कौशल, रचनात्मकता और नवाचार की ओर भी अग्रसर कर रही है।
यदि यह नीति सही रूप में लागू होती है, तो आने वाले वर्षों में भारत की शिक्षा प्रणाली वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान बना सकती है।
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