छपरा परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता सामुदायिक जागरूकता पर निर्भर करती है. इसमें महिलाओं के साथ समान रूप से पुरुषों की भी सहभागिता महत्वपूर्ण हो जाती है. परिवार नियोजन कार्यक्रमों में तेजी लाने के लिए जिले में 14 जनवरी से 31 जनवरी तक मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़ा चलाया गया था. जिसमें महिलाओं के साथ पुरुषों ने भी दिलचस्पी दिखाई है. मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़ा के तहत 815 महिलाओं ने नसबंदी करायी है. वहीं 6 पुरूषों ने भी नसबंदी कराकर इस अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है।
विभिन्न आयोजनों से बढ़ी जागरूकता:
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़े के दौरान जनसंख्या स्थिरिकरण को लेकर समुदाय स्तर पर कई जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया था। इस आयोजन से लोगों के जागरूकता स्तर में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं. इस दौरान महिलाओं व पुरूषों को परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता रैली, परिवार नियोजन कैंप, सास-बहू सम्मेलन, दंपति संपर्क सप्ताह जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। जिससे लोगों में परिवार नियोजन के साधनों के प्रति काफी जागरूकता आयी है। पुरुष नसबंदी को लेकर अभी भी समुदाय में कई भ्रांतियाँ व्याप्त है. इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं. अभियान के दौरान 6 पुरूषों ने भी नसबंदी कराकर एक अच्छा संदेश समुदाय को दिया है.
पखवाड़े के दौरान यह रही उपलब्धि:
महिला नसबंदी: 815
पुरूष नसबंदी: 6
अंतरा: 443
माला-एन: 914
कंडोम: 8439
छाया: 766
इमरजेंसी कंट्रास्पेटिप पिल्स (इसीपी): 151
आईयूसीडी: 211
क्या है मिशन परिवार विकास अभियान:
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कुल प्रजनन दर(प्रति महिला बच्चों की कुल संख्या) में कमी, आधुनिक गर्भ-निरोधक साधनों के उपयोग को बढ़ाने, गर्भ-निरोधक साधनों की सामुदायिक स्तर पर पहुँच सुनिश्चित करने एवं परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरुकता को बढ़ाने के लिए उच्च कुल प्रजनन दर की सूची में शामिल बिहार में मिशन परिवार विकास की शुरुआत की गयी है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार अभी बिहार की कुल प्रजनन दर 3.2 है। मिशन विकास परिवार के तहत वर्ष 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.1 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अन्तर्विभागीय सहभागिता से सफल हुआ अभियान:
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ जीविका, आईसीडीएस एवं पंचायती राज की सहभागिता महत्वपूर्ण रही थी. इस अभियान को सफल बनाने में सभी संबंधित विभागों ने सराहनीय सहयोग किया है। प्रत्येक प्रखंडों में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में समन्वय समिति की बैठक की गयी थी। ताकि निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इस अभियान में महिला नसबंदी के साथ पुरुष नसबंदी में भी इजाफा देखने को मिला है. उन्होंने पुरुष नसबंदी को महिला नसबंदी की तुलना में अधिक सरल बताया. साथ ही लोगों से पुरुष नसबंदी अपनाने की अपील भी की.