जीवन में भावों की योग्यता अवश्य रखें~आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज दमोह। सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर के छोटे बाबा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कुण्डलपुर महामहोत्सव के शुभ अवसर पर संदेश देते हुए कहा कि अपने जीवन में मुख्य रूप से भावों की योग्यता अवश्य रखें, भावों में शुद्धता और निर्मलता होगी तो जीवन का विकास निश्चित ही होगा। आचार्य श्री ने कहा जिस प्रकार नहर में पानी छोड़ते ही बह तेज प्रवाह के साथ आगे बढ़ता है वैसे ही भावों में निर्मलता आने से जीवन वैराग्य पथ की ओर तेज गति से बड़ने लगता है। कुण्डल पुर महामहोत्सव मे भी भक्ति की लहर आ रही हैं और केवल मनुष्य ही नहीं वल्कि स्वर्ग लोक से देवता भी इस महामहोत्सव में आयेगे यह निश्चित है, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने सम्पूर्ण जैन समाज को संदेश दिया कि कुण्डलपुर महामहोत्सव में भावों के साथ भाग लेकर अपने जीवन को सफल बनाएं, जिसका पुण्य तेज होगा वह पात्र बनकर विशेष पुण्य कमाएगा, कभी कभी पुण्य उदय में रहता है पर उदीरणा नहीं हो पाती, इसलिए अपने भावों को धर्ममय बनाएं रखें। आज बड़े बाबा भगवान आदिनाथ के जप अनुष्ठान से महामहोत्सव का शुभारम्भ किया गया। आज आचार्य श्री को नवधा भक्ति भाव से आहार देने का सौभाग्य इंदौर निवासी अनिल जैन और उनके परिजनों को प्राप्त हुआ। प्रवचन पूर्व आचार्य श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य शंकर लाल जी जैन, अशोक पटनी परिवार, अर्हम जैन, प्रकाश चंद जैन को प्राप्त हुआ।
जीवन में भावों की योग्यता अवश्य रखें~आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज दमोह।-आंचलिक ख़बरें -मुकेश जैन
