काउंटर केस कराने बेटे को लखनऊ में एडमिट करने की आ रही बात, वही केस में बजन डालने ब्राम्हण समाज का नाम आंगे कर मुद्दे से भटकाने की करी जा रही कोशिस, सामाजिक मुद्दा बनाकर केस को किया जा रहा डायवर्ड, जबकि फोर्ड एजेंसी में अभय ने जिस मैनेजर को मारा है वह भी ब्राम्हण हैं व उन्होंने ही थाने में शिकायत की है,
आरोप है अभय त्रिपाठी पूर्व में भी कर चुका है कई एजेंसियों में उपद्रव, मारपीट,
बेटे को बचाने परिजन एजेंसी संचालक को ही फंसाने के लिए देने लगे आवेदन, व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर दवाब बनाकर कहने लगे काउंटर एफआईआर कराने की बात, जिससे दवाब में आकर फोर्ड संचालक वापस ले ले एफआईआर,