केवल अनुसंधान और विज्ञान के छात्र ही दुनिया का नेतृत्व कर सकते हैं। मजलिस प्रतिभाशाली युवाओं के साथ है : कलीमुल हफ़ीज़
दुनिया में क्रान्ति हमेशा उन्हीं के द्वारा लाई जाती है जो दुनिया को कुछ देने की स्थिति में होते हैं। जो हाथ फ़ैलाते हैं वे कभी दुनिया का नेतृत्व नहीं कर सकते। बल्कि, जो अनुसंधान और विज्ञान में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं और जो ज्ञान और अनुभव के आधार पर दुनिया को सुविधा प्रदान करते हैं, वे नेतृत्व करने में सक्षम हैं। ये विचार कल शाम कलीमुल हफ़ीज़, आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन, दिल्ली के अध्यक्ष द्वारा व्यक्त किए गए।
जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र कैफ़ अली को ब्रिटानिया का प्रसिद्ध अवार्ड ” दी डायना अवार्ड-2021″ मिलने पर मजलिस के प्रदेश ऑफिस में कैफ को मुबारकबाद देने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
ज्ञात रहे कि कैफ़ अली पुत्र महबूब अली एडवोकेट को पिछले दिनों डायना की समाजी और इंसान दोस्त कामों की याद में इंग्लैंड का अवार्ड” दी डायना अवार्ड 2021″ से नवाज़ा गया है
कैफ़ को ये अवार्ड उनके असाधारण प्रोजेक्ट के लिए दिया गया है इस प्रोजेक्ट के ज़रिए कैफ़ ने अपने कम ख़र्च में कोरोना संक्रमित के लिए क्वारन्टीन सेंटर का प्रीफेबरीकेटिड स्ट्रक्चर डिज़ाइन किया है।
कैफ़ का कहना है कि यह प्रोजेक्ट शरणार्थी कैंप के तौर पर भी प्रयोग में लाया जा सकता है। इसमें वक्त और पैसा दोनों की बचत है इस प्रोजेक्ट पर कैफ़ को अब तक 52 अवार्ड मिल चुके हैं
कल शाम मजलिस के प्रदेश ऑफिस में कैफ़ और उनके पिता को कलीमुल हफ़ीज़ ने शाल पहनाकर सम्मानित किया और मुबारकबाद दी।
मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि नौजवानों में हुनर और महारत की कमी नहीं है बल्कि उन्हें पॉजिटिव सोच के साथ सही रहनुमाई की ज़रूरत है। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि जामिया मिल्लिया के शिक्षा के स्तर में तब्दीली आई है और यहां के बच्चे जामिया का नाम रोशन कर रहे हैं दूसरे छात्रों को भी कैफ़ के नक्श ए क़दम पर चलते हुए मुल्क व क़ौम की ख़िदमत के लिए नुमाया करने चाहिए ।मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि मजलिस का काम है कि समाज के टैलेंट की हिम्मत अफज़ाई करना और होनहार बच्चों की मदद व रहनुमाई करना।
मेरी नौजवानों से अपील है कि वह हालात से ना घबराएँ, मेहनत करें कामयाबी उनका इंतजार कर रही है ।