सिंगरौली दिनांक 31.12.2019 को दोपहर 2:00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में जनसंपर्क संचनालय के निर्देशानुसार जन सरोकार और मीडिया विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया संगोष्ठी में उक्त विषय पर व्याख्यान हुआ व जनसंपर्क संभागीय कार्यालय से रीवा संभाग के डिप्टी डायरेक्टर, उमेश तिवारी जनसंपर्कअधिकारी भी पत्रकारो से रूबरू हुए।जन सरोकार एवं मीडिया संगोष्ठी आयोजन का संचालन सिंगरौली जिले के जनसंपर्क अधिकारी बी,के,शर्मा ने किया!
जहॉ उपसंचालक महोदय ने समस्त पत्रकार बंधुओ से रुबरु हो तत्कालीन सरकार के द्वारा एक वर्ष बीतने के बाद सरकार की योजनाओ की जानकारी दीये व उन्होने कहा किसानों के लिए सरकार ने जय किसान ऋण समृद्धि योजना के अंतर्गत। 7,154 करोड़ की राशि स्वीकृत की एवं 1200000रु की स्वीकृति किसानों की योजनाओं हेतु की गई।, एवं कन्या विवाह निकाह योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि ₹51000 कर दिया गया है। इसी के साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 300 से बढ़कर ₹600 हुई, एवं किसानों को आधी दर पर बिजली उपलब्ध कर कृषि पंपों हेतु सिंचाई के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसी के साथ शिक्षा स्वास्थ्य और जन जागरूकता हेतु कई योजनाएं लागू की गई है।
जन सरोकार की मीडिया संगोष्ठी में पुरुषोत्तम मिश्रा संपादक आर्यावर्त टुडे दैनिक प्रखर चेतना(साप्ताहीक) से रीवा से चलकर हमारे सिंगरौली जिले के पत्रकारों को अधिमान्यता के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हूंवे पत्रकारों की अधिमान्यता तीन स्तर पर होती है। तहसील स्तर अधिमान्यता, जिला स्तर अधिमान्यता, राज्य स्तर अधिमान्यता, जिसमें प्रमुख रूप से प्रिंट मीडिया को संभागीय अधिमान्यता का दर्जा प्राप्त है।
एवं पत्रकार सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि 7000 से बढ़कर 10,000 हुई, एवं पत्रकारों को समस्त विभाग से प्राप्त होने वाली सहायता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बीच-बीच में जन सरोकार होना आवश्यक है ताकि सभी प्रकार की सुविधाएं योजनाएं सरकार की मिलने वाले सभी योजनाओं की जानकारी जनता के बीच पहुंचे।
काल चिंतन के संपादक आर पी श्रीवास्तव जी ने जनता को पत्रकारीता के संबंध को मजबूत करें तभी मीडिया का अस्तित्व सभी जन सरोकार के लिए हो सकता है, लेकिन यहां हालत ऐसी है पत्रकार का अस्तित्व ही खतरे में जान पड़ता है, फिर जन सरोकार की बात कहना कहां तक उचित है। इसी के साथ अखबारी कागज पर जीएसटी लगा दिया गया है। जिससे हजारों रुपए जीएसटी में चले जाया करते हैं। एवं श्रीवास्तव जी ने बताया कि व्हाट्सएप फेसबुक यूट्यूब आदि के माध्यम से खबरों का संकलन कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि व्हाट्सएप खबर संकलन का कोई जरिया नहीं है। क्योंकि खबर की तह तक जाकर जानकारी से रूबरू होना और वास्तविकता के साथ सच्चाई सामने लाना एक पत्रकार की सच्ची पत्रकारिता का स्वरूप माना जाता है।
जन सरोकार व मीडिया संगोष्ठी में सिंगरौली जिले के कलेक्टर माननीय केवीएस चौधरी जीने तत्कालीन सरकार के 1 वर्ष पूरे होने पर हर क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों के बारे में पत्रकारों को बताया और मीडिया के द्वारा सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु मार्गदर्शन किया एवं सरकार के द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के अंतर्गत सिलाई प्रशिक्षण सिक्योरिटी गार्ड और ग्रामीण स्तर से कई युवाओं को गांव गांव जाकर प्रशिक्षण देने हेतु योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया जिसमें सिंगरौली जिले के कई युवा रोजगार प्राप्त कर रहे हैं एवं जीले में कई सरकारी भर्तियां कलेक्ट्रेट कार्यालय से लेकर हर विभाग के कार्यालय में उपलब्ध कर प्रशिक्षण हेतु विशेष मार्गदर्शन दिया जा रहा है जिससे कुछ ही समय में बेरोजगारी की समस्या से जूझते नवयुवकों को रोजगार हेतु कहीं भी पलायन करने की जरूरत नहीं है।
_इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया को लेकर सिंगरौली जिले के स्थानीय पत्रकार ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चलन से हमारी प्रिंट मीडिया अंधकार के गर्त में पहुंच चुकी है आने वाले समय में प्रिंट मीडिया अखबारों व पेपर मैगजीन इनका चलन कम होते जा रहा है क्योंकि हर व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सारी खबरें मिल जाया करती हैं लेकिन पत्रकारिता की जान प्रिंट मीडिया ही मानी जाती है ।
_ साथ ही वरिष्ठ पत्रकारों ने बताया कि सरकार द्वारा पत्रकारों के पक्ष में जो भी फैसले सरकार द्वारा किए गए हैं उन्हें पाने हेतु हर पत्रकार को अधिमान्य पत्रकार होना आवश्यक है। यदि अधिमान्य पत्रकार नहीं है तो उन्हें सरकार के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है इसी के साथ समस्त पत्रकार बंधुओं को अधिमान्यता की महत्ता के बारे में बताया गया।