० महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने मानपुर परियोजना का किया भ्रमण
० शिविर में 3 गंभीर कुपोषित बच्चों को दिए खुरमी पैकेट
राजनांदगांव। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं में सुपोषण के लिए जिले में विभिन्न स्तरों पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में जिले के मानपुर और मोहला विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सुपोषण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने मानपुर परियोजना का भ्रमण किया और शिविर भी लगाया गया।
मानपुर में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में 5 एनिमिक गर्भवती महिलाओं को सुपोषण किट एवं 3 गंभीर कुपोषित बच्चों को खुरमी का पैकेट प्रदान किया गया। कुपोषण को दूर करने तथा लोगों में पोषण जागरुकता लाने के लिए अभिभावकों एवं सामुदायिक सहभागिता के साथ के कार्य किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों व पोषण वाटिकाओं में मुनगा का पौधारोपण किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिनों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों की मानिटरिंग के लिए हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं। साथ ही कुपोषित बच्चों, एनीमिक महिलाओं एवं किशोरियों का चिन्हांकन कर उनके सुपोषण के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए माताओं का स्वस्थ रहना जरूरी है, इसलिए गर्भवती महिलाओं तथा शिशुवती माताओं को पौष्टिक आहार की जानकारी दी जा रही है। वहीं रेडी-टू-ईट से विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनाए जा रहे हैं जिससे बच्चे खाने में रुचि लें। कुपोषण को पौष्टिक भोजन, दवाइयां और व्यवहार में परिवर्तन से ही दूर किया जा सकता है। मुनगा पौष्टिक तत्वों से भरपूर है इसलिए सभी आंगनवाड़ी केंद्रों एवं पोषण वाटिकाओं में मुनगा के पौधे लगाए गए हैं।
रेणु प्रकाश ने आगे बताया बच्चों, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं में सुपोषण लाने के प्रयासों के अंतर्गत विभाग की टीम ने मानपुर परियोजना का भ्रमण किया तथा स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया। इस दौरान गृह भेंट कर नवजात शिशु के परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य परामर्श दिया गया। सघन सुपोषण योजनान्तर्गत गंभीर कुपोषित बच्चे के घर जाकर माताओं को बच्चे के पोषण के बारे में बताया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से भेंटकर आंगनवाड़ी केंद्र के संचालन व सुपोषण कार्यक्रम की प्रगति की जानकारी ली गई। वहीं आंगनवाड़ी में गरम भोजन के वितरण का निरीक्षण किया गया तथा पोषण वाटिका का वाटिका का भ्रमण किया गया। इसके साथ ही सेक्टर पर्यवेक्षकों की भी बैठक ली गई है।
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शुभ संकेत है यह
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम के प्रयासों से चिन्हांकित विकासखंडों के कुपोषित बच्चे अब सामान्य श्रेणी में आ गए हैं। इन क्षेत्रों में एनिमिक गर्भवती माताओं को भी पौष्टिक आहार प्रदान किया जा रहा है। मानपुर विकासखंड में 229 बच्चों का चिन्हांकन किया गया था जिसमें 216 गंभीर कुपोषित बच्चों के वजन में बढ़ोतरी हुई है। इनमें 170 बच्चे गंभीर श्रेणी से मध्यम श्रेणी में आ गए हैं। वहीं 42 बच्चे गंभीर श्रेणी से सामान्य श्रेणी की ओर अग्रसर हुए हैं।
एनिमिक गर्भवती महिलाओं को बांटे सुपोषण किट-आंचलिक ख़बरें -हेमंत वर्मा
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