गैर कांग्रेस नीति नहीं रणनीति थी ,आज देश को बचाने के लिए गैर भाजपावाद की रणनीति पर काम करने की जरूरत
डॉक्टर लोहिया की पुण्यतिथि पर आयोजित संगोष्ठी में लोकतंत्र और संविधान पर मंडरा रहे खतरे पर व्याख्यान।
रामस्वरूप मंत्री
इंदौर – गैर कांग्रेस वालों को सीढ़ी बनाकर सत्ता पर पहुंची भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए जा रहे निरंकुश शासन से देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। डॉक्टर लोहिया ने गैर कांग्रेसवाद को एक रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया था आज देश को बचाने के लिए गैर भाजपावाद की रणनीति पर काम करन जरूरी है । उपरोक्त विचार डॉ राम मनोहर लोहिया की 54वीं पुण्यतिथि पर आयोजित विचार संगोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने व्यक्त दिया । डॉ राम मनोहर लोहिया सामाजिक समिति द्वारा आयोजित विचार संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद तथा वरिष्ठ समाजवादी नेता कल्याण जैन ने कहा कि आज पूरी लड़ाई देश बचाने की है। और ऐसे वक्त में जब संविधान सहित लोकतंत्र के सारे मौलिक अधिकारों पर हमला हो रहा है ,तब संपूर्ण विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह गैर भाजपा वाद के तहत एकजुट हो और नरेंद्र मोदी सरकार को अपदस्थ करें ।
श्री जैन ने कहा कि आज विपक्ष में भी कई नेता छद्म रूप से मोदी का विरोध कर रहे हैं और अंदरूनी रूप से समर्थन। यह स्थिति अत्यंत खतरनाक है और ऐसे नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है। इसी के साथ उन्हों ने कहा कि मोदी को हटाने के लिए कोई भी ऐसी विपक्षी एकता जिसमें कांग्रेस ना हो वह सफल नहीं हो पाएगी ।
समाजवादी गांधीवादी चिंतक अनिल त्रिवेदी ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया ने हर समस्या पर विचार किया और नये नये लोगों को नये-नये विचारों के साथ संघर्ष के रास्ते दिखाये । डॉक्टर लोहिया का मानना था कि नौजवानों के चेहरे पर हंसी और दिमाग में देश बनाने का सपना होना चाहिए, मगर आज के नौजवानों में दोनों ही नहीं है । दो-चार प्रतिशत लोग जो अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं उनको छोड़ दिया जाए तो अधिकांश लोग देश के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं, उन्हें जिंदा भी नहीं माना जाना चाहिए ।
संगोष्ठी में वरिष्ठ समाजवादी नेता रामबाबू अग्रवाल, पत्रकार सुभाष रानाडे, के आर यादव, शशिकांत गुप्ते, दिनेश पुराणिक सहित कई वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए तथा कहा कि आज जरूरत देश को बचाने की लड़ाई में भागीदारी की है । संगोष्ठी का संचालन सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने किया ।
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से प्रमोद बागड़ी छेदीलाल यादव, अरविंद पोरवा,ल,रूद्रपाल यादव, प्रमोद नामदेव, धीरज दुबे, अंचल सक्सेना, रामकिशन मौर्य सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे ।