FLN Survey: घाटीगांव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के व्यापक पैमानों के तहत अब अध्ययन का कार्य शुरू किया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देश पर घाटीगांव विकासखंड में भी आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का पता लगाने के लिए सर्वे किया गया । इसके लिए विकासखंड में चयनित शालाओं में कक्षा तीन के बच्चों में सर्वे किया गया ।
राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देश पर डीपीसी बीआरसीसी सहित शिक्षा विभाग से जुड़े तमाम उन अधिकारियों द्वारा शालाओं का जायजा लिया गया बीआरसीसी शशि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि यह एक तरह से नेशनल अचीवमेंट सर्वे की तरह ही है। जिसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि बच्चों का आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान कितना है।
नई शिक्षा नीति के तहत शुरुआती पढ़ाई में ही बदलाव सबसे ज्यादा जरुरी है
सरकार का तर्क है कि नई शिक्षा नीति के तहत शुरुआती पढ़ाई में ही बदलाव करने की जरूरत है। इसके लिए शून्य से आठ साल तक के बच्चे पर फोकस किया जा रहा है। इसके पहले अन्य कई अध्ययन किए जा चुके हैं। इस FLN Survey में हिन्दी, गणित, पर्यावरण, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की दक्षता की जांच के लिए सर्वे किया गया। यह सर्वे पूरी तरह से एनसीइआरटी गाइड लाइन व टूल्स के अनुसार होगा। विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा लर्निंग आउट्स कम और कौशल आधारित प्रश्नों का अभ्यास गया था है।
श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार आठ वर्ष तक बच्चों के जीवन में वृद्धि और विकास की सबसे महत्वपूर्ण अवधि होती है क्योंकि यही वह समय होता है जब समग्र विकास और सीखने की नींव रखी जाती है। अनुसंधान से पता चलता है कि अच्छी गुणवत्ता वाली प्रारंभिक शिक्षा, प्रारंभिक बचपन शिक्षा कार्यक्रम छोडऩे और पुनरावृत्ति की संभावना को कम करने में मदद करते हैं और शिक्षा के सभी स्तरों पर परिणामों में सुधार करते हैं।
उन्होंने बताया कि किताबी ज्ञान के अलावा भी शिक्षा जरूरी FLN Survey के आयोजन को लेकर यह भी कहा गया है कि बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ अन्य जानकारियां भी जरूरी है। इसीलिए खेल, कहानियों, तुकबंदी, गतिविधियों, स्थानीय कला, शिल्प और संगीत के माध्यम से आनंदपूर्ण तरीके से सीखें और आजीवन सीखने के लिए मजबूत नींव विकसित करें।
नई शिक्षा नीति में इन्हीं सब बातों का प्रावधान किया गया है। कोर्स के साथ ही आसपास के वातावरण को भी ठीक से जानें इसके प्रयास किए जा रहे हैं। पूर्व में किए गए FLN Survey में यह बात सामने आई थी कि करीब 80 फीसदी बच्चे तो ऐसे होते हैं जो कक्षा तीन पास कर लेते हैं लेकिन हिन्दी, गणित सहित बुनियादी जानकारी उन्हें नहीं होती।
विकासखण्ड घाटीगाॅव की 21 शालाओं में FLN Survey पूर्ण
निपुर्ण भारत मिशन अंतर्गत लक्ष्य प्राप्ति के उद्देश्य से राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के निर्देशन में एवं जिला परियोजना समन्वयक श्री रविंद्र सिंह तोमर कथा डायट प्राचार्य सुभाष श्रीवास्तव जी के कुशल मार्गदर्शन में विकासखंड घाटीगांव की चिन्हित 21 शालाओं में एफएलएन सर्वे का आयोजन किया गया जिसमें छात्र/छात्राओं में बढ़ चढ़ कर सहभागिता की, सर्वे का कार्य छात्र अध्यापको द्वारा शालाओ में पहुंच कर किया गया!
इस दौरान छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा शाला में आये छात्र अध्यापको का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया, इस अवसर पर विकासखंड के बीएसी, जनशिक्षकों और मास्टर ट्रेनरों को निरीक्षण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया! सर्वे की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य स्तर से ओआईसी डॉक्टर रमाकांत तिवारी जी ने इन शालाओं का निरीक्षण किया।
के के शर्मा भितरवार
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