अमेठी के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व राज्यमंत्री को आज सुल्तानपुर के दीवानी न्यायालय की एमपी एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई। 1995 में नवनिर्वाचित प्रधान की हत्या के मामले में पूर्व मंत्री समेत चार लोगों को सजा सुनाई गई है। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है।
दरअसल ये मामला है अमेठी जिले जामो ब्लाक के पूरबगौरा गांव का। 1995 में इसी गांव के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान राम प्रकाश यादव की गोली मारकर हत्या हो गई थी। आरोप था कि पूर्व मंत्री जंगबहादुर सिंह ने गांव के ही रघुनाथ महाराज को प्रधानी का चुनाव लड़वाया था, रघुनाथ महाराज के चुनाव हारने पर जंग बहादुर सिंह उनके मृतक बेटे दद्दन सिंह, समर बहादुर, हर्ष बहादुर सिंह और रमेश सिंह ने सडयंत्र कर नवनिर्वाचित प्रधान राम प्रकाश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी मामले में कोर्ट में ट्रायल चला। ट्रायल के दौरान ही जंग बहादुर के बेटे दद्दन सिंह की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधान की गोली मारकर हत्या में मामले में आज सुल्तानपुर दीवानी न्यायालय की एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनवाई करते हुये जंग बहादुर सिंह, समर बहादुर सिंह,हर्ष बहादुर सिंह और रमेश सिंह को दोषी मानते हुये इन सभी को आजीवन कारावास के साथ साथ अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई। वहीं कोर्ट से न्याय मिलने के बाद राम प्रकाश यादव की पत्नी शिवपति बेहद भावुक नजर आई।
वहीं दोषी करार दिए जाने के बाद भाजपा नेता एवं पुर्व मंत्री जंग बहादुर सिंह ने कहा कि न्याय नही मिला, सारे निर्दोष लोगों को सजा मिली। इसमें से कोई दोषी नही हैं। अदालतों पर सवाल खड़े करते हुये जंग बहादुर ने कहा कि अदालतों के केवल कान है, विवेक शून्य है।