मध्यप्रदेश विधानसभा में 2021 के बजट पर विधायक सुनील सराफ ने रखे अपने विचार-आँचलिक ख़बरें-महेश प्रसाद मिश्रा

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मध्यप्रदेश, भोपाल

दिनांक 22-02-2021 से मध्यप्रदेश विधानसभा में सत्र का आरंभ हुआ, सत्र के आरंभ होते ही विभागवार मंत्रीमंडल के माननीय सदस्यों के द्वारा बजट पर चर्चा हुई। जैसा कि सभी को विदित है कि सत्र के दौरान जब चर्चाएं शुरू होती हैं तो कुछ विशेष बिंदुओं पर अन्य दलों के भी माननीय सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने के लिए मौका दिया जाता है और उसी मौके का लाभ कोतमा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुनील सराफ जी को मिला जिन्होंने बजट सत्र के दौरान दिनांक 05-03-2021 को बड़ी ही बेबाकी से अपनी बात सदन पर रखे। इस विषय पर जब विधायक सुनील सराफ जी से चर्चा हुई तो उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का धन्यवाद करते हुए बोले कि सदन में बोलने के लिए जो मुझे मौका मिला है उसके लिए मैं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को कोटि-कोटि नमन करता हूं प्रणाम करता हूं।

सुनील सराफ जी से चर्चा के दौरान कही गई बातें एवं सदन पर बोले गए वक्तव्य निम्नांकित हैं।

मेरा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में 2021 के बजट पर बोलने के लिए सभी पार्टी के चुनिंदा विधायको में कोतमा विधानसभा को अवसर मिला ,मैं आभारी हूं नेता प्रतिपक्ष आदरणीय कमलनाथ जी का कि उन्होंने मुझे इस काबिल समझा ,विधानसभा में बजट पर मेरी पहली अभिव्यक्ति, जिसमे मैने मप्र व अपने विधानसभा क्षेत्र के कार्यो को बजट प्रावधानों में सम्मिलित करने की बात की,
विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया,और जन भावनाओ पर शून्य रहे, महज़ आंकड़ो के इस बजट का पुरजोर विरोध सदन में किया।
सदन में मेरे भाषण की शब्दशः प्रस्तुति आप सभी से साझा कर रहा हूँ:-

श्री सुनील सराफ (कोतमा) — सभापति महोदय, बहुत बहुत धन्यवाद। मैं पहली बार का विधायक हूं, सदन में ऐसे बोलने का मौका नहीं मिला है, इसलिये आपका संरक्षण और सदन के सभी साथियों का सहयोग चाहूंगा। आंकड़ों की बाजीगिरी का 2 लाख 41 हजार 475 करोड़ का यह बजट केवल शब्दों का मायाजाल बनकर रह गया है। इस बजट की कंडिका 8 में लिखा है कि बजट जनता की आकांक्षाओं और सपनों का स्वरुप होता है। आज मध्यप्रदेश की जनता की आकांक्षाएं और अपेक्षाएं क्या हैं। आज पेट्रोल डीजल में वेट कम करने की, उसकी कीमत कम करने की सबसे ज्यादा जरुरत है। मैं उस जिले से आता हूं, जिस जिले को भारत देश में सर्वाधिक रेट का पेट्रोल, दुर्भाग्यवश सर्वाधिक रेट का पेट्रोल अनूपपुर जिले में बड़े बड़े पेपरों में भी छपता है कि सर्वाधिक रेट का पेट्रोल मिलता है और मेरी विधान सभा क्षेत्र के 5 किलोमीटर बाद छत्तीसगढ़ है, जहां मध्यप्रदेश से 12 रुपये लीटर कम में पेट्रोल एवं डीजल वहां मिलता है। बजट की कंडिका 13 बताती है कि अर्जुन के आंख की भांति, एक ही उद्देश्य, एक ही लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित है, वह है आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण। लेकिन जब हम पीडब्ल्यूडी का बजट देखते हैं तो माननीय लोक निर्माण मंत्री जी के गृह जिले सागर में 12 आरओबी तथा 22 सड़कें दीं। इसके अलट कितने कांग्रेस के विधायक हैं, जिनके यहां पूर्व से स्वीकृत बजट को भी वापस बुला लिया गया है। क्या 96 विधान सभा क्षेत्र जो हैं, वह आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंदर नहीं आते हैं। क्या आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बन सकता है 96 विधान सभा क्षेत्रों को बजट में प्रावधान न देकर के, निर्माण कार्य न करके। बजट में किसान कर्ज माफी एक सिरे से गायब है। अब प्रदेश के किसानों को कर्ज माफी की उम्मीद भी खत्म कर लेना चाहिये, इससे प्रदेश के लाखों किसान आहत हुए हैं। आपने अपने 15 साल की सरकार में पेंशन को 150 रुपये से बढ़ाकर कुल 300 रुपये किया था. तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री, कमलनाथ की सरकार द्वारा आते ही 300 रुपये से बढ़कर 600 रुपये किया गया। कंडिका 27,28 विद्युत के विषय में है। हमारी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की। सभी व्यक्तियों को, गरीब हो, अमीर हो, सभी व्यक्तियों को 100 यूनिट तक बिजली 100 रुपये में देने का प्रावधान किया। आप उसमें से शासकीय कर्मचारियों को..

सभापति महोदय — सुनील जी, एक मिनट। माननीय सदस्य का भाषण जारी रहेगा। सदन की कार्यवाही अपराह्न 3.00 बजे तक के लिये स्थगित

सभापति महोदय – माननीय सदस्य अपना वक्तव्य जारी रखेंगे। श्री सुनील जी।

श्री सुनील सराफ – सभापति महोदय, बहुत बहुत धन्यवाद. मैं अपनी बात रखते हुए कह रहा था कि आंकड़ों की बाजीगरी का यह बजट है। पूर्व में कही हुई बात को न दोहराते हुए मैं आगे बढ़ रहा हूं कि 15 साल की आपकी सरकार ने 300 रुपये पेंशन बढ़ाई है। कांग्रेस की कमलनाथ जी की सरकार ने आते ही सबसे पहला काम विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन को 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये किया।

आपकी कंडिका 27, 28 विद्युत के विषय में है. हमारी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की, जिसमें अमीर से गरीब सबको 100 यूनिट बिजली 100 रुपये में देने का काम किया गया। आपकी सरकार के आने के बाद आपके बजट में आप उसमें से शासकीय कर्मचारियों को अलग कर रहे हैं। 6 लाख शासकीय कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा, यह कर्मचारियों के साथ अन्याय है। लॉकडाउन के समय में जो दुकानें बंद थी। उन दुकानों से भी सीएल मीटर का किराया वसूला जा रहा है, बिल वसूला जा रहा है। आपने कहा था कि हम राहत दे रहे हैं, किस तरह की यह राहत है कि आपने सिर्फ बिजली के बिल को स्थगित किया। कहीं भी पूरे प्रदेश में किसी भी बिजली के बिल में एक रुपये की छूट नहीं दी गई। बिजली के बिल को स्थगित किया. अब उसका 3 गुना, 4 गुना ब्याज सहित वसूला जा रहा है।

सभापति महोदय, कंडिका 59 स्वास्थ्य विभाग के विषय में है लेकिन मैं अपने अनूपपुर जिले के बारे में बता रहा हूं। हमारे जिले में स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के पद खाली हैं, नर्सों के पद खाली है, पैरामेडिकल स्टॉफ के पद खाली हैं, उसे भरने की दिशा में किसी तरह का कोई प्रावधान नहीं है. अभी हाल ही में बजट की बात हो रही थी कि 8-9 मेडिकल कॉलेज नये खोले जा रहे हैं।

सभापति महोदय, मैं माननीय वित्तमंत्री जी से आपके माध्यम से प्रार्थना करूंगा कि आप मेडिकल कॉलेज खोल रहे हैं यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन जो मेडिकल कॉलेज 2 साल 4 साल 5 साल से खुले हुए हैं, जरा उनमें भी झांककर देखिए कि वहां सिर्फ बिल्डिंग खड़ी है, ईंट गारे की बिल्डिंग खड़ी है, हमारा शहडोल मेडिकल कॉलेज है, उस मेडिकल कॉलेज में एक अदद वहां एम्बूलेंस नहीं है, सिटी स्केन की मशीन नहीं है, एमआरआई मशीन नहीं है, सोनोग्राफी मशीन है लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं है, पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टॉफ भी नहीं है. मेरा आग्रह है कि जो मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं उसमें पहले संसाधन और स्टॉफ की कमी को पूरा करें।

एक बात और मैं आपके माध्यम से निवेदन करना चाहूंगा कि हमारा जिला मूलतः कॉलयरी से प्रभावित जिला है। पूरा दोहन वहां पर कॉलयरी कर रही है जिससे डीएमएफ का फंड आता है, डीएमएफ फंड का पैसा प्रभारी मंत्री वहां के विकास कार्यों में स्वीकृत करते थे। अभी एक बदलाव आकर कि प्रभारी मंत्री सिर्फ भोपाल अनुशंसा करके भेजेंगे और माननीय मुख्यमंत्री जी के यहां से वह स्वीकृत होगा, उसमें योजनाओं का क्रियान्वयन होने में देरी होती है, साल भर से कोई प्रभारी मंत्री नहीं होने के कारण वह सारे कार्य रुके हुए हैं। यहां तक कि प्रभारी मंत्री जी के स्वेच्छानुदान की जो निधि होती है, जो विधायक की अनुशंसा पर 2 लाख रुपये तक का स्वेच्छानुदान साज सामग्री और इन सब पर दिया जाता है, प्रभारी मंत्री जी के नहीं होने से वह पैसा भी इस बार शायद लेप्स हो जाएगा, यह मार्च का महीना है।

सभापति महोदय, आपके माध्यम से मैं एक बात और कहना चाहूंगा कि एक विधायक के पास विधान सभा के अलावा और कोई जगह अपनी बात कहने की नहीं होती, क्षेत्र से संबंधित कोई समस्या है कहीं कोई गलत हो रहा है, कुछ हो रहा है, विधान सभा में विधायक अपने सवाल लगाते हैं। यह आम शिकायत सभी विधायक साथियों की है कि सवालों के जवाब में आजकल लगभग अधिकांश सवालों में जानकारी एकत्रित की जा रही है, परीक्षण किया जा रहा है, इस तरह के जवाब आना तो बड़ा आम है, लेकिन मेरा एक सवाल ऐसा है, मैंने एक सवाल प्रश्न क्रमांक 1198 दिनांक 25 फरवरी, 2021 को लगाया था, मैंने इसमें मांगा था कि कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकों के परिवहन हेतु 29000 बसों पर लगभग 75 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया तो इन बसों के क्रमांक, वाहन स्वामी का नाम, भुगतान राशि, खाता नम्बर सहित देवें, यह मेरा सवाल था, यह पटल पर रखूंगा। जो सवाल प्रश्नोत्तरी में छपकर आया, वह मूल सवाल ही गायब हो गया, उस सवाल में बसों के क्रमांक, वाहन स्वामी का नाम, जो मैंने मांगा है वह प्रश्न में ही अंकित नहीं है। प्रश्न की मूल आत्मा ही मार दी गई तो कैसे विधायक की जिज्ञासा पूरी होगी, कैसे सवालों का जवाब मिलेगा? मेरा आपके माध्यम से यह भी विनम्रतापूर्वक आग्रह है कि विधान सभा में कम से कम यह जो प्रजातंत्र का मंदिर है इसमें मूल प्रश्न ही गायब न किये जायं, यह आग्रह है।

सभापति महोदय इसके साथ ही कुछ मेरे क्षेत्र के बारे में कहना चाहता हूं. बड़े दुख के साथ में कहना पड़ रहा है वित्तमंत्री जी से आपके माध्यम से इस बजट में हमारे शहडोल संभाग के लिए किसी भी तरह के काम केलिए बजट नहीं दिया गया है. मैं यहां पर मेरे कोतमा क्षेत्र की योजनाएं जो कि पिछली सरकार से लंबित पड़ी हैं। मैं उनकी ओर ध्यान आकृष्ट कराना चाहूंगा. मेरे विधान सभा क्षेत्र में सीतामढ़ी मध्यम सिंचाई परियोजना है। कमलनाथ सरकार द्वारा आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले के कोतमा तहसील में महत्वाकांक्षी एवं किसानों के लिए जीवन रेखा साबित होने वाली सिंचाई योजना के लिए वर्ष 2018-19 में सीतामढ़ी मध्यम सिंचाई परियोजना लागत राशि 343 करोड़ रूपये को अपने प्रशासकीय प्रतिवेदन में सम्मिलित किया था। अनूपपुर जिले का 90 प्रतिशत कृषि रकबा असिंचित है। इस बांध के बनने से कोतमा तहसील के लगभग 100 ग्रामों में किसानों को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी और वह धान के अलावा गेहूं, दलहन, तिलहन और सब्जी आदि की भी खेती कर सकेंगे। लेकिन भाजपा सरकार ने इस बजट में भी पूर्व स्वीकृत इस सिंचाई परियोजना हेतु कोई प्रावधान नहीं किया है। मैं इस वक्तवय के माध्यम से मांग करता हूं कि उपरोक्त योजना के लिए बजट आवंटित कर क्रियान्वित किया जाय।

सभापति महोदय दूसरा दुग्ध शीतलक मिल्क चिलिंग प्लांट कोतमा विधान सभा क्षेत्र के राजनगर नगर परिषद क्षेत्र में, मेरे विधान सभा क्षेत्र में राजनगर कौलरी क्षेत्र है। उस नगर परिषद क्षेत्र में 10 हजार लीटर दूध का उत्पादन रोज होता है। वहां के जो दूध उत्पादक लोग हैं उनको तकलीफ है कि वह छत्तीसगढ़ में जाकर अपना दूध बेचते हैं वहां पर एक मिल्क चिलिंग प्लांट की स्थापना के लिए भी व्यवस्था करें। राजनगर में शासकीय महाविद्यालय तो है लेकिन वह एक स्कूल के दो कमरे उधार लेकर के उन दो कमरों में महाविद्यालय चल रहा है। मैं आपके माध्यम से यह भी निवेदन करना चाहूंगा कि वहां पर महाविद्यालय का भवन देने की कृपा करेंगे. कोतमा विधान सभा क्षेत्र में एक कन्या परिसर अनूपपुर में है पुष्परारजगढ़ में है।

सभापति महोदय — माननीय सदस्य से जब विभागीय मांगों पर चर्चा होगी तब विभिन्न विभागों के बारे में आप बतायेंगे तो ज्यादा उचित होगा। आप अपना वक्तव्य समाप्त करें।

श्री सुनील सराफ — अंत में मैं इस बजट का मजबूरन विरोध कर रहा हूं क्योंकि यह बजट प्रदेश की जनता की इच्छाओं के अनुरूप नहीं है. बहुत बहुत धन्यवाद आपने समय दिया।

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