मनीष गर्ग खबर भोपाल
प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना के साथ शिवराजपुर (सांड़ा) में श्री रुद्र महायज्ञ एवं श्री शिवपुराण कथा का हुआ भव्य शुभारंभ
भंवरसेन से सोनभद्र का पवित्र जल लेकर शिवराजपुर पहुंची भव्य कलश यात्रा
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया के सहयोग एवं श्री रुद्र महायज्ञ एवं श्री शिव पुराण कथा आयोजन समिति के तत्वाधान में श्री कृष्ण चैतन्य शक्ति संस्थान से पधारे कथावाचक पंडित श्री विनोद बिहारी गोस्वामी के श्रीमुख से शिवराजपुर साड़ा में प्रारंभ होने जा रही श्री शिवपुराण कथा एवं श्री श्री 1008 श्री पंचकुंडीय रूद्र महायज्ञ का भव्य शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ ।
कलश स्थापना के पवित्र जल लेने के लिए सभी जन श्री महाराज जी और राहुल भैया के नेतृत्व में शिवराजपुर साड़ा से चलकर कधवार हत्था होते हुए सोन नदी और बनास नदी के संगम स्थली भंवरसेन पहुंचे जहां से पवित्र जल कलश को महायज्ञ स्थल में स्थापित करने के निकले। कलश यात्रा सर्वप्रथम चंद्ररेह शिव मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात हनुमानगढ़ सेमरिया होते हुए शिव मंदिर बढ़ौरा नाथ भगवान के दर्शन एवं पूजन के साथ कलश यात्रा आगे बढ़कर चुरहट स्थित कुलदेवी झदवा माताजी के मंदिर में पूजा अर्चना की गई, इसके बाद चुरहट राव सागर तालाब स्थित स्वर्गीय कुंवर अर्जुन सिंह दाऊ साहब एवं स्वर्गीय श्रीमती सरोज सिंह की समाधि स्थल होते हुए पुनः शिवराजपुर साड़ा पहुंची जहां महायज्ञ स्थल में कलश स्थापना कर कन्या पूजन एवं कन्या भोज का आयोजन किया गया तत्पश्चात श्री महाराज जी के श्री मुख से श्री शिव पुराण कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। कथा श्रवण हेतु पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल एवं उनके बड़े भाई अभिमन्यु सिंह दीपू यजमान के रूप में बैठ कथा का श्रवण कर रहे हैं श्री शिव पुराण कथा एवं श्री रूद्र महायज्ञ का आयोजन चुरहट विधानसभा के साथ-साथ प्रदेश के सुख समृद्धि की कामना के लिए के लिए किया गया है प्रथम दिवस की कथा श्रवण के लिए भारी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।
भव्य कलश यात्रा में रहा 500 वाहनों का काफिला
शिवराजपुर साड़ा से पवित्र जल लेने के लिए भंवरसेन के लिए निकली यात्रा में लगभग 500 वाहनों का काफिला साथ रहा सभी पीले वस्त्र एवं गेरुआ वस्त्र धारण कर 2000 से अधिक लोग साथ में चलते हुए भंवरसेन पहुंचे जहां से 51 कन्याओं के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने कलश में पवित्र जल भर यज्ञ स्थल शिवराजपुर पहुंच कलश स्थापना की।