भैयालाल धाकड़
विदिशा // प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ए-33 मुखर्जी नगर विदिशा में ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी का स्मृति दिवस वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस के रूप में मनाया गया। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मात्र चौथी कक्षा तक पढ़ीं 46 हजार बहनों की अलौकिक मां, 103 साल की उम्र में भी 12 घंटे विश्व
की सेवा में सक्रिय रह़ीं। अल सबुह ब्रह्मामहुर्त में 4 बजे से हो जाती थ़ीं ध्यान मग्न। ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व की धनी हैं दादी मां जानकी जी। दुनियाभर के 140 देशों
में फैले प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी का जीवन
आध्यात्म का प्रेरणापुंज है, यही नह़ीं, विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दादीजी के नाम है। बता दें कि ब्रह्माकुमारीज विश्व की एक मात्र ऐसी संस्था है जो नारी शक्ति द्वारा संचालित है।
दादी जानकी जी का जीवन साक्षात् में योग की जीती-जागती मिसाल है। उन्होंने राजयोग के अभ्यास से खदु को इतना परिपक्, शकिशाली, महान और आदर्शवान बनाया है की उनका एक-एक वाक्य महावाक्य बन गया। उन्होंने योग-साधना से मन को इतना सांतमय, पवित्र, शुद्ध और सकारात्मक बनाया, की जिस समय जिस संकल्प पर जितना देर चाहत़ीं, स्थिर रह सकती थ़ीं। यही कारण है कि जीवन के 103 वर्ष की आयु में भी
आपकी ऊर्जा और उत्साह देखते ही बनता था। भारत ही नह़ीं, बल्कि विश्व के 140 देशों में अपनी मौजूदगी से दादी जी ने लाखों लोगों की जिंदगी में एक सकारात्मक संचार किया। दादीजी के संम्पर्क में आये हुए
लोग उन्हें देखकर, सनुकर, मिलकर प्रभावित होते और आज एक अच्छी जिंदगी के राही है। दादी जी का एक-
एक शब्द लाखों भाई-बहनों के लिए मार्गर्दशक और पथप्रदर्शक बना। नंदिनी बहन ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज की पूरे विश्व में साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर विशेष पहचान रही है। देश में स्वच्छता को बढ़ावा देनेे के लिए भारत के प्रधानमांत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दादी जानकी जी को स्वच्छ भारत
मिशन का ब्रांड एंबेसेडर भी नियुक्त किया। संस्थान द्वारा दादीजी के नेतृत्व में पूरे भारत में स्वच्छता अभियान
चलाए गए थे। सभी भाई बहनों ने दादी जी को पुष्प अर्पित कर उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।