प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार, अहमदाबाद में 100 करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर धोखाधड़ी का मामला
गुजरात में डिजिटल क्राइम का मास्टर
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा के कई साइबर क्राइम मामलों की जांच के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मकबूल अब्दुल रहमान डॉक्टर, काशिफ मकबूल डॉक्टर, महेश मफतलाल देसाई और ओम राजेंद्र पंड्या को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को अहमदाबाद की स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने इस मामले में आगे की जांच के लिए पांच दिन की ED हिरासत दी है।
ED के सूरत सब-ज़ोनल ऑफिस ने मकबूल अब्दुल रहमान डॉक्टर और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की अलग-अलग धाराओं के तहत 15 अक्टूबर, 2024 को सूरत पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर PMLA, 2002 के तहत शुरू की गई जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस मामले में, ED ने बताया कि मकबूल डॉक्टर, उसके बेटों काशिफ मकबूल डॉक्टर और बसम मकबूल डॉक्टर, महेश देसाई, ओम राजेंद्र पंड्या और दूसरे साथियों ने डिजिटल अरेस्ट, फॉरेक्स ट्रेडिंग, सुप्रीम कोर्ट और ED जैसी कानून लागू करने वाली एजेंसियों के नकली नोटिस भेजकर सीधे-सादे लोगों को धोखा दिया है। अब तक की जांच के मुताबिक, ED ने कहा कि आरोपी 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की अपराध की कमाई (POC) की लॉन्ड्रिंग में शामिल पाए गए हैं।
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