भारत की बढ़ती जनसंख्या व राजनीतिक-आंचलिक ख़बरें-सुनीता कुमारी

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भारत की बढ़ती जनसंख्या व राजनीतिक

वर्तमान परिपेक्ष में- जनसंख्या

लेखिका सुनीता कुमारी पूर्णिया बिहार।

वर्तमान में जो जनसंख्या की स्थिति है ,यह निश्चय ही, अनियंत्रित एवं अनियोजित है ।हजारों हजार साल से इस पृथ्वी पर जीवों का निवास रहा है, विभिन्न प्रकार के जीव इस धरती पर हजारों साल से रह रहे हैं परंतु, जो स्थिति अभी है वह कभी नहीं रही थी।मानव जनसंख्या बढ़ती जा रही हैं एवं अन्य जीवों की संख्या घटती जा रही हैं। इतिहास गवाह है कि किसी भी सभ्यता में जनसंख्या वृद्धि का कोई जिक्र नही रहा हैं। शायद ही अनियंत्रित जनसंख्या किसी भी सभ्यता में परेशानी का कारण रहा हो,इतिहास में झांके तो ऐसा जिक्र किसी भी सभ्यता में किसी भी काल में नही रहा है।
आज के परिपेक्ष में यह स्थिति इतनी गंभीर हुई है, इसका एक स्पष्ट कारण है कि, जब तक प्रकृति अपने अनुसार जनसंख्या नियंत्रण कर रही थी, तब तक सब कुछ नियंत्रित था ।किंतु जैसे ही विज्ञान के विकास के द्वारा चिकित्सा जगत में अनुसंधान हुए विकास हुआ मृत्यु दर में कमी हुई जिस कारण, जनसंख्या अनियंत्रित हो गई। हास्यास्पद बात यह है कि, जिस समय जनसंख्या कम थी एवं चिकित्सीय सुविधाएं भी कम थी, उस समय औसत आयु बहुत अधिक थी ,लोग सौ सौ साल तक जीवित रहते थे ।किंतु इन सुविधाओं के बढ़ने के बावजूद भी लोगों की आयुदर घटकर 60 वर्ष रह गई है। यहां पर प्रकृति ने फिर दिखा दिया कि इस धरती प्रकृति का राज है ना कि मनुष्य का । वर्तमान में कोरोनावायरस के कारण जो स्थिति बनी है उसने भी स्पष्ट कर दिया कि प्रकृति के आगे मनुष्य कुछ भी नहीं है फिर, इस मनुष्य में कैसे बिना सोचे समझे इतनी जनसंख्या बढ़ा ली।
पहली बार 1989 में जब विश्व की जनसंख्या 5000000000 हुई, तब पूरे विश्व का ध्यान जनसंख्या वृद्धि की ओर गया एवं 11 ग्यारह जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाने। लोगों में जागरूकता फैलाई जाने लगी ,और इसका कहीं ना कहीं सकारात्मक प्रभाव जरूर हुआ है।भारत में एक रिपोर्ट की माने तो जिस रफ्तार से जनसंख्या वृद्धि हो रही थी अगर उसी रफ्तार से हो रही होती तो , भारत की आबादी 307 अरब तक 2100 तक पहुंच जाती।

2020 में भारत की अनुमानित जनसंख्या एक अरब 326 लाख 93 हजार 247 है, जो 2011 में भारत की जनसंख्या 1 अरब 210 लाख 854 हजार 977 थी। एवं जनसंख्या का घनत्व 882 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है प्रतिष्ठित प्रतिष्ठित मेडिकल जनरल लासेंट की रिपोर्ट के मुताबिक 2100
आते-आते भारत की आबादी 1 अरब रह जाएगी किंतु फिर भी यह विश्व में प्रथम स्थान पर रहेगा। वही एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक 2100 आते आते पूरे विश्व की जनसंख्या 8 पॉइंट 8 अरब तक पहुंच जाएगी। 2019 की संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2100 तक दुनिया की आबादी 10 पॉइंट 9 अरब होने का अनुमान है। निश्चय ही जनसंख्या नियंत्रण जटिल और दुर्गम हो चुका है ।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि, कोरोना काल में विश्व की आबादी में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि लोग लॉकडाउन के कारण घरों में रह रहे है एवं घर से ही वर्क फ्रॉम होम की प्रक्रिया चल रही है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि, इस परिस्थिति में जनसंख्या वृद्धि बढ़ सकती है ,क्योंकि लोगों के पास अत्यधिक समय है ,परंतु यह अनुमान गलत साबित हुआ लोग फैमिली प्लानिंग से बच रहे हैं , कोरोना काल में फैमिली प्लानिंग नहीं करना चाह रहे हैं, क्योंकि सुविधाओं का अभाव है और स्थिति सही नहींहै। इससे एक बात तो स्पष्ट है कि लोग जनसंख्या वृद्धि के प्रति पूर्णरूपेण जागृत हो रहे हैं ।2020 में जनसंख्या दिवस के अवसर पर पूरी दुनिया में#टू चाइल्ड प्लानिंग ट्रेंड चल रहा था ,और वह अभी भी चल रहा है ,एवं भारत इसके प्रति पूर्णरूपेण जागरूक दिख रहा है इसका एक ताजा उदाहरण योगी आदित्यनाथ के द्वारा की गई जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर पहल है।जिसका साथ नेतागण दे न दे जनता योगी जी से सहमत है।

जन संख्या नियंत्रण के संबंध में एक बड़ी समस्या यह है कि, व्यक्ति के आयु वर्ग में असंतुलन देखने को मिल रहा है ।जिसका उदाहरण चीन है ।चीन में जनसंख्या को लेकर पहले वन चाइल्ड पॉलिसी लाया गया फिर उसे 2 चाइल्ड पॉलिसी मैं बदला गया ।परंतु जिस तरह का असंतुलन जनसंख्या के संबंध में आ रहा है चीन की सरकार ने 3 चाइल्ड पॉलिसी को लागू किया है 1900 इस्वी से पहले प्रकृति अपने हिसाब से जनसंख्या नियंत्रण कर रही थी तो इस तरह का असंतुलन नहीं था। प्रत्येक आयु वर्ग में समान संख्या में लोग थे। परंतु जैसे ही हमने प्रकृति का यह हक अपने हाथों में लेने की कोशिश की यह असंतुलन हमारे सामने आ खड़ा हुआ है ,और निश्चय ही जनसंख्या नियंत्रण के लिए विकट समस्या पैदा कर रहा है ।समस्या चाहे जितनी भी गंभीर हो पर उसका हल जरूर निकलता है हमें कोशिश करती रहनी होगी ।निश्चय ही एक न एक दिन इस पर विजय प्राप्त होगी ,और पूरा विश्व जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव से निजात पा सकेगा।

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