चुनाव बहिष्कार मामला:-समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने किया मतदान

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कीचड भरे रास्ते से ग्रामीणों को मनाने जाते हुए एसडीएम अजित परेश

काज़ी अजमत विशेष संवाददाता-

[एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-]

मौदहा हमीरपुर। ग्राम प्रधान के भाई की दबंगई के चलते ग्राम सभा चकदहा के मजरा रमना किशनपुर के मतदाताओ ने मतदान बहिष्कार की घोषणा चुनाव के एक दिन पूर्व अचानक कर दी जिसे प्रशासन ने गम्भीरता से नही लिया। वहीं मतदान के दिन बहिष्कार की जानकारी होते ही प्रशासन मे हडकम्प मच गया। जिसके बाद मतदाताओ को मनाने पहुंचे अतिरिक्त कलक्टर अशोक यादव व उपजिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी ग्राम पहुंचे व मानमनौवल के अथक प्रयास के बाद मतदाता आलाधिकारियों से समस्या के समाधान का आश्वासन मिलने के बाद माने व दोपहर 1 बजे मतदाताओ ने अपने मतो का प्रयोग किया।

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बारिश में खड़े ग्रामीण व टापरी मै बैठे अधिकारीगण वार्ता कर मतदान शुरू करने के प्रयास में

मतदाताओ की शिकायत थी कि मजरा किशनपुर ग्राम सभा चकदहा के अधीन है। और इस मजरे के लोग आज भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। पूरे गांव मे गन्दगी व कीचड भरे रास्ते स्वच्छता अभियान को हवा मे उडाये है। कभी साफ सफाई की ही नही जाती। तैनात महिला सफाई कर्मी भी सफाई के बजाय गांव वालों को अक्सर हरिजन एक्ट एवं संगीन आरोपो मे फंसाने की धमकी देकर चुप कराये रहती है। जिससे सीधे साधे ग्राम भयभीत रहते है।खुले मे शौच से मुक्त अभियान (दरवाजा बन्द ) का मजाक उडाया गया है। जबकि जनपद हमीरपुर ओडीएफ घोषित है।

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ग्रामीणों ने बताया कि शौचालयों मे दबंग प्रधान प्रतिनिधि की उगाई पचास प्रतिशत यानि 6 हजार रू तक होने के कारण शौचालयों की सख्या बेहद कम है। पैसा न देने वालों को शौचालय बनवा लेने के बाद भी लेखपाल से रिपोर्ट लगवाकर भुगतान नही किया जा रहा है। वही तालाब के पास नजूल की भूमि पर बने शौचालयों का पैसा अवैध कमाई करके दे दिया गया है। पूरे गांव मे बिछे खडण्जें मे द्वितिय श्रेणी की बेहद घटिया ईटे लगी है। जिसमे सचिव, जेई व दबंग प्रधानप्रतिनिधि के गठजोड ने मिलकर बडी घपलेबाजी की है।
गांव के दोनो प्राथमिक विधालय के प्रांगड दलदल और गन्दगी से पटे पडे एवं दोनो स्कूलों मे बाउण्ड्री वाल बनवाई ही नहीं गयी। वही बच्चों के मिडडे मील मे बच्चो का पेट काटकर फल और दूध कतई नही दिया जा रहा है। कम बच्चो की उपस्थिति पर अधिक बच्चे दिखाकर प्रधान और हेडमास्टर गोल माल कर रहे है। पूरे गांव मे नाली व सीसी रोड का अभाव है। पीएम आवास के नाम पर केवल एक व्यक्ति को ही आवास मिला है। उसमे भी 20 हजार रूपये वसूली का आरोप लगाकर कवरेज को पहुंची टीम प्रगतिशील से दुखडा रोये।

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खबर कवरेज करने दौरान टीम प्रगाशील प्रेस क्लब

बताया गया कि गांव मे 90 प्रतिशत मकान कच्चे व मिटटी के बने है और उनमे भी लगभग 20 मकान बारिश से गिरे पडे है। जिसमे किसी तरह पन्नी आदि डालकर ग्रामीण निवास भी कर रहे है। किसी प्रकार का कोई आयुष्मान कार्ड , विधवा व विकलांग पेन्सन किसी को नही मिल रही है। वहीं गांव के कोटेदार जो चकदहा से ही कोटे का संचालन मजरे से तीन किलामीटर दूर से करता है। जिसका रूतबा भी दबंग प्रधान प्रतिनिधि से कम नही है। हर माह केवल चावल देने के लिये तीन से चार बार चक्कर लगवाता है। ऐतराज करने पर राशन कार्ड निरस्त करवाने की धमकी देकर गरीब गांव वालो का मुह बन्द करवाता है। इसके अतिरिक्त मजरे के कई हैण्डपम्पो का फर्जी रिबोर दिखाकर पैसा हडप लिया गया है।इतनी सब शिकायते ग्राम चकदहा के मजरे किशनपुर से दीनदयाल पाल, प्रीतम वर्मा , बाबू यादव, अशोक यादव, देवराज यादव, राजाराम, अमर सिंह, शिवकरण, नरेश कुमार, सुन्दर, अमरसिंह, सन्दीप वर्मा सहित 316 मतदाताओं ने चुनाव

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अधिकारीयों को समस्या निस्तारण हेतु ज्ञापन सौंपते ग्रामीण

बहिष्कार के कारण ग्रामीणों को समझाने बुझाने गांव पहुंचे अतिरिक्त डिप्टी कलक्टर अशोक यादव, परगनाधिकारी मौदहा अजीत परेश, क्षेत्राधिकारी सौम्या पाण्डेय, नायाब तहसीलदार सहित तमाम पुलिस र्फोस की मौजूदगी मे प्रधान प्रतिनिधि के सामने की। जहां परगनाधिकारी ने प्रधान प्रतिनिधि चरन सिंह उर्फ लाल जी यादव को फटकार कर भगाया व मतदाताओ की शिकायतों का निस्तारण चुनाव बाद तीन सदस्यी टीम द्वारा मामले की जांचोपरान्त सम्बन्धिम दोषियों पर कठोर कार्यवाही का आश्वासन दिया। जिसके बाद ही दोपहर एक बजे मतदान शुरू हो सका। इस दौरान भारी बारिश भी होती रही।

 

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