हाईकोर्ट ने योग्य अभ्यर्थी को एमबीबीएस कोर्स में दाखिला देने के दिये आदेश

News Desk
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संजय सोनी-झुंझुनू।राजस्थान हाई कोर्ट ने मेडिकल कोर्स के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा नीट-2019 में मेरिट में आये एक अभ्यर्थी का दाखिला निरस्त करने के मामले में दायर याचिका की सुनवाई कर,अभ्यर्थी को दाखिला देने के आदेश दिए है।
मामले के अनुसार कुमावास( झुंझुनू) के अभ्यर्थी निखिल पुत्र दयानन्द सिंह ने एडवोकेट संजय महला के जरिए रिट याचिका दायर कर बताया कि, उसने नीट परीक्षा- 2019 में आल इंडिया में 6329 वीं रैंक व ओबीसी में 2137 रैंक प्राप्त की। नीट आयोजको ने डूंगरपुर गवर्नमेन्ट मेडिकल कॉलेज अलॉट करने के बाद,7 जुलाई को एसएमएस मेडिकल कॉलेज में काउन्सलिंग में ये कहते हुए आउट कर दिया कि प्रार्थी के कक्षा 11 व 12 में नियमित रूप से 2 वर्ष तक आवश्यक विषय बायोलॉजी नहीं होने से वह इस कोर्स के दाखिले के अयोग्य है। बहस में नीट के आयोजको की ओर से उपस्थित एडवोकेट ने छात्र को अयोग्य बताते हुए दाखिला देने से मना किया। प्रार्थी के एडवोकेट संजय महला ने बताया कि प्रार्थी ने 12वीं के बाद एक साल अतिरिक्त बायोलॉजी विषय मे परीक्षा पास की है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामले में सुनवाई कर, राहत दी हुई है।अतः समान परिस्थितियों में प्रार्थी को भी दाखिला देने की विनम्र प्रार्थना की।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश आलोक शर्मा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय के आधार पर कोर्ट में उपस्थित नीट परीक्षा के अधिकारियों को प्रार्थी की काउन्सलिंग कराकर डूंगरपुर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में दाखिला देने के आदेश जारी कर, प्रार्थी को राहत देते हुए याचिका निस्तारित कर दी।

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