मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हुआ कुण्डलपुर आगमन
दमोह। दमोह जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र में कुण्डलपुर महामहोत्सव के ज्ञान कल्याणक पूर्व रूप के दिन हजारों श्रद्धालुओं को दिव्य देशना प्रदान करते हुए संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि तीर्थंकर भगवान के रूप में धरती पर जन्म लेकर मरण से मुक्ति हेतु मृत्युंजय साधना हैं, मृत्यु पर विजय प्राप्त करने की साधना हैं, आप के घर की लक्ष्मी कह रही हैं कि मुझे ताले में बंद मत करो, सोना, चांदी, हीरा सब ले लो पर हमें भी प्रभु के दरबार में मौका मिल जाए। कल वैराग्य के समय जो भक्त रो रहे थे आज महान विभूति प्रभु को नवधा भक्तिपूर्वक आहार देकर आनंद पा रहे हैं। एक साथ 24 भगवानों के माता पिता एक साथ विराजमान है, भगवानों की आहार चर्या की क्रियाएं देखकर श्रद्धालु गदगद हुऐ। अन्न का आहार से जान प्राप्त करने की महान शक्ति विद्यमान हैं, जब भगवान आहार को निकले तो समान्य जन की ओर देख रहे थे इस दृश्य को देखने स्वर्ग भी खाली हो गया, यह दृश्य को देखकर श्रद्धालु को साक्षात देख रहे हैं जो न भूतों और न ही भविष्य में धरती पर संभव है। सभी से कहा कि यदि देश से कृषि समाप्त हो जायेगी तो विनाश हो जायेगा, धर्म कर्म भी नष्ट हो जायेगा, पंचगव्य के माध्यम से स्वास्थ, आरोग्य बढ़ेगा जिसका संरक्षण करना है जिससे देश को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के छठवें दिन सोमवार को ज्ञान कल्याणक पूर्व रूप महोत्सव भक्ति भाव से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिष्ठाचार्य ब्रा विनय भैया ने दिव्य मंत्रोच्चार पूर्वक मांगलिक क्रियाओं के द्वारा भगवान का अभिषेक,शांतिधारा ओपूजन के साथ हुई। उसके बाद ज्ञान कल्याणक पूजन,शान्ति हवन,ज्ञान संस्कार विधि, समवशरण की रचना एवं दिव्य देशना आदि धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न हुए। इसके बाद इन्द्र-इन्द्राणियों ने देव-शास्त्र-गुरू की पूजन के साथ अष्ट द्रव्यों से भगवान की पूजा-अर्चना, स्मरण, ध्यान कर ज्ञान कल्याणक का अर्घ्य समर्पित किया। भगवान आदिनाथ और सभी भगवानों की आहार चर्या की क्रियाएं देखकर श्रद्धालु गदगद हो गए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, साधना सिंह समेत इंद्र इंद्राणी की वेश-भूषा में कुंडलपुर पहुंचे उनके साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, कैबिनेट दर्जा प्राप्त मंत्री राहुल सिंह, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया, पूर्वमंत्री डॉरामकृष्ण कुसमरिया, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रीतम लोधी, पूर्व युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पाण्डेय, धर्मेन्द्र सिंह, पी एल तंतुवाय, लखन पटेल भी मौजूद रहे। आचार्य श्री के समक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि बड़े बाबा का मंदिर अदभुत कला संस्कृति का धरोहर है,यहां का दृश्य अद्भुत है स्वर्ग के बारे में सुना था देखा नहीं पर वह भी इससे ज्यादा खूबसूरत नहीं हो सकता। आचार्य श्री की प्रेरणा से इस दृश्य को देखकर धन्य हुआ हूं, मुख्यमंत्री के रूप में नहीं किंतु गुरु के शिष्य के रूप में यहां आया हूं ,सौभाग्य के सूर्य का उदय हुआ है कि यह दृश्य मैं देख पा रहा हूं। अवसर पर उन्होंने हजारों श्रद्धालुओं के समक्ष कुंडलपुर और बांदकपुर को पवित्र नगर घोषित किया, यहां मांस मदिरा इत्यादि सारी चीजों पर प्रतिबंध रहेगा ।कुंडलपुर में पधारने के बाद अपने पहले प्रवचन में निर्यापक मुनि पुंगव श्री सुधा सागर महाराज ने कहा समाज और राष्ट्र को चेतना तभी मिल सकती है जब धर्म का सहारा लिया जाए, पशुओं के रक्षण के लिए अभयारण्य स्थापित करके ही गोवंश की रक्षा की जा सकती है, यह हमारा कर्तव्य होना चाहिए। देश में गाय का दूध जीवित रहेगा तो दुनिया जीवित रहेगी।
मुख्यमंत्री और सम्पूर्ण मण्डप को संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने संदेश दिया और कहा कि भारत के निवासी बनो इंडिया के नहीं, प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह राष्ट्र की बात करें और देश का अवमूल्यन ना होने दें। आराम को छोड़कर इतिहास पढ़ो और संस्कृति बचाने का प्रयास करो तभी इंडिया साफ हो जाएगा। कोरोना को भगाने में आयुर्वेद ही कारगर सिद्ध हुआ है, पशु पालन भारत की आभा थी जिसके माध्यम से भारत को गौरव प्राप्त हुआ। भारत में अब विद्यालय नहीं बचे अब सारे के सारे स्कूल हो गए हैं, संस्कृति की रक्षा के लिए विद्यालय, विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने चाहिए, साथ ही मातृभाषा को जीवित रखने के लिए प्रयास किए जाना चाहिए। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के मार्ग पर चलोगे तो कभी दुख नहीं होगा, राम इसीलिए लोकप्रिय हैं क्योंकि उन्होंने जनहित के लिए जीवन समर्पण किया।