उत्तर प्रदेश में हाल के महीनों में चोरी की घटनाओं ने लोगों की नींद उड़ा दी है। उत्तर प्रदेश चोरी की घटनाएं अब पारंपरिक तरीकों तक सीमित नहीं रह गई हैं। चोरों ने अब टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर अपने अपराध को और अधिक खतरनाक और हाईटेक बना लिया है। अमरोहा जिले में सामने आया मामला इस बात का सबूत है कि अपराध की दुनिया में तकनीक कितनी तेजी से घुसपैठ कर चुकी है। हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा का खुलासा कर पुलिस ने साबित कर दिया है कि चाहे चोर कितने भी चालाक क्यों न बन जाएं, कानून की पकड़ से बचना उनके लिए नामुमकिन है।
अमरोहा पुलिस की कड़ी कार्रवाई:
अमरोहा जिले के नौगावा सादात थाना पुलिस ने एक ऐसे हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा का पर्दाफाश किया है, जो ई-रिक्शा और ऑटो चोरी करने में उन्नत गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद के निर्देशन में गठित टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों की पहचान फजल पुत्र फैसल और वसीम पुत्र जुल्फा निवासी मोहल्ला मटोला के रूप में हुई है। गिरोह के सदस्य रात के समय सुनसान जगहों पर खड़ी ई-रिक्शा को चोरी कर उनके पार्ट्स अलग-अलग कर बेचते थे।
पुलिस ने छापेमारी में एक पूरी ई-रिक्शा, एक कटी हुई ई-रिक्शा, चार बैटरी, दो मोटर, कंट्रोल पैनल, वायरिंग, टायर और प्लास्टिक बॉडी के पार्ट्स समेत भारी मात्रा में उपकरण बरामद किए। ये उपकरण गिरोह द्वारा ई-रिक्शा को तोड़ने, GPS हटाने और इलेक्ट्रॉनिक लॉक ब्रेकर से चोरी करने में इस्तेमाल किए जाते थे।
टेक्नोलॉजी से चोरी का बढ़ता खतरा:
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा चोरी की घटनाओं में टेक्नोलॉजी से चोरी करने के लिए उन्नत उपकरणों का इस्तेमाल करता था। चोर लॉक ब्रेकर डिवाइस का उपयोग करके महज 10 सेकंड में ई-रिक्शा का लॉक तोड़कर स्टार्ट कर देते थे। इसके बाद तुरंत ई-रिक्शा GPS हटाना उनकी प्राथमिकता होती थी, ताकि वाहन का लोकेशन ट्रैक न हो सके।
गिरोह चोरी के बाद सिग्नल जैमर का भी इस्तेमाल करता था। GPS सिस्टम को हटाने के बाद वे बैटरी और मोटर को निकालकर अलग-अलग बेचते थे। यही नहीं, चोरी किए गए पार्ट्स को फेसबुक मार्केटप्लेस और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर बेचने के लिए ये चोर फेसबुक मार्केट चोरी माल के जरिए ऑनलाइन खरीदार ढूंढते थे।
उत्तर प्रदेश चोरी की घटनाएं: बढ़ती चिंता:
पिछले तीन महीनों में मेरठ, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बरेली और शाहजहांपुर जैसे जिलों में ई-रिक्शा और ऑटो चोरी की दर्जनों घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कई हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा जैसे नेटवर्क सक्रिय हैं जो टेक्नोलॉजी आधारित चोरी को अंजाम दे रहे हैं।
ई-रिक्शा और ऑटो ड्राइवरों की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी भी चोरी की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। कई मालिक अपने वाहनों में अपडेटेड GPS और अलार्म सिस्टम नहीं लगवाते, जिसका फायदा ऐसे गिरोह उठाते हैं।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद का बयान:
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कहा:
“हमने हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा को पकड़ने में सफलता हासिल की है। इनके पास से भारी मात्रा में उपकरण और ई-रिक्शा बरामद किए गए हैं। गिरोह में शामिल बाकी सदस्यों की तलाश जारी है। हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि अपने वाहनों में आधुनिक ई-रिक्शा सुरक्षा उपाय जरूर लगवाएं।”
चोरी का हाईटेक तरीका:
इस गैंग की कार्यप्रणाली बेहद संगठित थी। ये पहले सोशल मीडिया और लोकल मार्केट में घूम कर लक्ष्य निधारित करते थे। फिर रात में लॉक ब्रेकर और इलेक्ट्रॉनिक स्कैनर का उपयोग करके ई-रिक्शा का लॉक तोड़ते थे। तुरंत GPS ट्रैकर निकालकर ई-रिक्शा GPS हटाना इनका पहला कदम होता।
फिर बैटरी, मोटर और कंट्रोल पैनल को निकालकर वे अलग-अलग दुकानों और कबाड़ी बाजारों में बेचते थे। चोरी के सबूत मिटाने के लिए ये प्लास्टिक बॉडी को टुकड़ों में काट देते थे।
फेसबुक मार्केट में चोरी माल का नेटवर्क:
इस हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा ने digital plateform का गलत इस्तेमाल करके अपनी गतिविधियों को छुपाने का तरीका ढूंढ लिया था। फेसबुक मार्केट चोरी माल की बिक्री इनके लिए आसान माध्यम बन गया था। ये सस्ते दामों पर हिस्से बेचकर नकदी कमाई करते थे।
ई-रिक्शा सुरक्षा उपाय और चोरी से बचाव के तरीके:
आज के दौर में, जब अपराधी तकनीकी रूप से स्मार्ट हो रहे हैं, ई-रिक्शा मालिकों को भी सावधानी बरतनी होगी। ई-रिक्शा सुरक्षा उपाय अपनाकर चोरी से बचा जा सकता है:
- अलार्म सिस्टम: ऐसा अलार्म लगवाएं जो हल्की सी छेड़छाड़ पर बज उठे।
- उन्नत GPS ट्रैकर: आधुनिक GPS लगवाएं जो चोरी के बाद भी वाहन का लोकेशन भेजता रहे।
- डिजिटल लॉक सिस्टम: पारंपरिक लॉक की जगह डिजिटल या बायोमेट्रिक लॉक लगवाएं।
- CCTV निगरानी: जहां वाहन पार्क करें, वहां CCTV कैमरे लगाएं।
- रात में सुरक्षित पार्किंग: सुनसान जगहों पर ई-रिक्शा खड़ी करने से बचें।
पुलिस की तकनीकी निगरानी की तैयारी:
अमरोहा पुलिस अब तकनीकी निगरानी को बढ़ा रही है। डिजिटल नेटवर्क की मदद से फेसबुक और व्हाट्सएप पर चोरी के सामान की बिक्री की ट्रैकिंग की जाएगी। हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा को खत्म करने के लिए पुलिस की विशेष टीमें बनाई जा रही हैं।
निष्कर्ष: अपराध के खिलाफ सतर्कता है जरुरी:
यह घटना एक चेतावनी है कि अब चोर हाईटेक हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश चोरी की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि पुलिस और नागरिकों दोनों को तकनीकी सुरक्षा पर जोर देना होगा। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद की सख्ती और इस कार्रवाई से साफ है कि चाहे चोर कितने भी स्मार्ट क्यों न हों, कानून की नजरों से बचना उनके लिए मुश्किल है।
हाईटेक चोर गिरोह अमरोहा का पर्दाफाश यह बताता है कि समय रहते जागरूक होना जरूरी है। ई-रिक्शा मालिकों को चाहिए कि वे चोरी से बचाव के तरीके अपनाकर अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखें।