जिला बरेली के तहसील नवाबगंज के ग्राम खिजरपुर गांव ग्राम में मंगली शाह बाबा के नाम से जाने जाते एक अनोखी करामात देखने को मिली एक पाकड़ के पेड़ को दिया वरदान कहा कि तेरे ऊपर आज के बाद कोई बगुल नहीं बैठेगा तेरे ऊपर बगुल बहुत ज्यादा गंदी करते हैं कह कर चले गए और आज तक कोई परिंदा इस पाकडा के पेड़ पर नहीं बैठा करामात मंगली शाह बाबा की, है जो आप वीडियो में पाकड़ का पेड़ देख रहे हैं यह पेड़ कोई मामूली पेड़ नहीं है बल्कि इस पेड़ की अपनी एक दास्तान है यह पाकड़ का पेड़ बरेली की तहसील नवाबगंज के गांव खिजरपुर में आज भी मौजूद है इस पाकड के पेड़ के नीचे एक बुजुर्ग मंगली शाह अपना अकसर कयाम करते थे और इस पाकड़ के नीचे बैठकर अक्सर मिलाद शरीफ पढ़ते थे एक रोज मंगली शाह बाबा पाकड़ के पेड़ के नीचे बैठ कर मिलाद शरीफ पढ़ रहे थे पास में बैठे अन्य लोगों सहित बच्चे भी थे बच्चों ने मंगली शाह बाबा से कहा आपके पास बैठने से क्या फायदा कि इस पेड़ पर बैठने वाले बगुला गंदगी करते हैं जिससे हमारे कपड़े खराब हो जाते हैं हम यहां नहीं बैठेंगे तब मंगली शाह बाबा ने कहा ठीक है आज और बगुला बैठेंगे कल के बाद इस पकड़ के पेड़ पर कभी बगुले नहीं बैठेंगे तब से लेकर आज तक लगभग 50 साल हो चुके हैं इस पाकड़ के ऊपर एक भी बगुला नहीं बैठा अन्य परिंदे बैठते हैं लेकिन कोई बगुला इस पेड़ की तरफ आता भी नहीं है बैठना तो दूर वहीं दूसरी तरफ मंगली शाह बाबा सैंथल में एक किराने की दुकान भी चलाते थे कुछ लोगों ने बाबा के दुकान पर ना होने पर दुकान में रखें लड्डू चुरा कर खा लिए मंगली शाह बाबा जब लौट के आए तो देखा लड्डू गायब है बाबा लड्डू के साथ पान की टोकरी भी लेकर आए थे लड्डू तो लोगों ने चुराकर खा लिए लेकिन पान की टोकरी रह गई लड्डू के खाने पर बाबा नाराज होकर सेंथल से चले गए और 2 साल बाद लौट कर आए तब देखा की पान की टोकरी में रखे पान वैसे ही हैं जैसे 2 साल पहले थे यह करामात देखकर गांव खिजरपुर के लोग सन्न रह गए मंगली शाह बाबा एक रोज खिजरपुर गांव छोड़कर पीलीभीत के तहसील अमरिया के गांव हररायपुर में चले गए और वहीं पर मंगली शाह बाबा का विशाल हो गया मंगली शाह बाबा का मजार आज भी हर रायपुर में है मंगली शाह बाबा की मजार पर आकर अकीदत अपनी दुआएं मांगते हैं और अकीदतमंदो की दुआएं मंगली शाह बाबा के दरबार में पूरी होती हैं.