दिवाली की रात भर महज़ घर के आगे बैठे कोसता रहा कानून व्यवस्था को
राकेश कु०यादव:~
बछवाडा़(बेगूसराय):~ हत्या आरोपी के परिजनों के सपनों में भी नहीं सोचा था कि आरोपी पुत्र बनेगा और सजा समूचे परिवार को भुगतना पडे़गा । और वो भी तब जबकि कानून का पालन करते हुए आरोपी आत्मसमर्पण भी कर चुका हो। दिपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी उक्त परिवार को महज़ अपने घर के आगे बैठकर हसरत भरी निगाहों देखते कानून व्यवस्था को कोसता रहा।बछवाडा़ रेल पुलिस के तानाशाह रवैये के कारण अभियुक्त के आत्मसमर्पण के बाद भी उसके परिजन खानाबदोश की जिंदगी जीने को विवश है। आजाद नगर निवासी अशोक पासवान नें बताया कि मेरा पुत्र पप्पू कुमार पासवान रेल थाना बछवाडा़ के कांड सं०08/2019 में हत्या का अभियुक्त है। फरार अवधि के दौरान ही पुलिस नें कुर्की जब्ती एवं घर को सील करने की कार्रवाई की। पुलिस द्वारा कुर्की एवं घर में ताला बंदी की कार्रवाई के बाद अभियुक्त नें 29 अगस्त 2019 को आत्मसमर्पण कर दिया था। आत्मसमर्पण के पश्चात परिजनों नें कुर्क वापसी एवं घर की तालाबंदी सील खोले जाने का की अर्जी दाखिल की, जिसमें 28 सितंबर 2019 को रेलवे कोर्ट बरौनी नें बछवाडा़ जीआरपी थाने को आदेश दिया कि अविलंब कुर्क वापसी एवं तालाबंदी सील खोले जांए। रेल न्यायालय को आदेश दिए पुरे एक माह होने को है मगर अबतक न कुर्क वापस की गयी है और न हीं घर की तालाबंदी सील खोली गयी है। अभियुक्त के पिता नें बताया कि न्यायालय के आदेश की प्रति लेकर जीआरपी थानाध्यक्ष से हम लोगों नें कई बार तालाबंदी खोलने एवं कुर्क वापसी का निवेदन किया लेकिन उन्होंने हमलोगों को हमेशा डाँट फटकार कर भगा दिया। अब नतीजा यह है कि विगत जुलाई माह से पुरा परिवार खानाबदोश की जिंदगी जीने को विवश है। मामले को लेकर जीआरपी प्रभारी अरविन्द कुमार ने बताया कि मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कुर्की की गई थी और मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में ही कुर्क किया गया सामान वापस किया जायेगा। न्यायलय के आदेश के आलोक में मजिस्ट्रेट को मामले से अवगत करा दिया गया है।