अन्ना प्रथा अधिकारियों के लिए योजना और किसानों के लिए जी का जंजाल-आँचलिक ख़बरें-प्रमोद मिश्रा

News Desk
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उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के मऊ तहसील अंतर्गत नगर निगम मऊ में इस समय अन्ना प्रथा किसानों के लिए आफत बन कर उभरी है। 60 से 70 की संख्या में अन्ना पशु किसानों के खेत में चर रहे हैं बाजरे ,अरहर ,धान की फसल को अन्ना पशुओं द्वारा नुकसान किया जा रहा है। बहुतायत में खेत में घुसकर पूरी फसल का नाश कर देते हैं भूखा नेता व भूखा पशु देश को काफी नुकसान पहुंचाते हैं लेकिन अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देने का कोई मतलब नहीं रहा है। क्योंकि अब अन्ना पशु तार बाड़ को तोड़कर खेत में घुसकर भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं ।मऊ नगर निगम हो गया है कि नहीं पर ग्राम पंचायत से हट गया है नगर निगम के दायरे के अन्य पशुओं की जिम्मेदारी कोई अधिकारी नहीं ले रहा है। जिससे यह समस्या बढ़ती ही जा रही है

23 सितंबर 2021 को बांदा चित्रकूट धाम मंडल के आयुक्त ने एक बार भी अन्ना प्रथा के बारे में खुली बैठक में चर्चा नहीं की अगर इन अन्ना पशुओं को नहीं रोका गया तो किसान भुखमरी के कगार पर आ जाएगा क्योंकि फसल पर प्रकृति का प्रकोप समय से लगने वाले नए रोगों से भी फसल को बचाना किसान को महंगा पड़ता है। किसानों के ही यह सारे अन्ना पशु है जो मतलब के बाद छोड़ दिए जाते हैं अतः ग्रामीण इलाकों में भी जैसे आदमी नियम का उल्लंघन करता है तो उसे धारा 151 में चालान किया जाता है उसी प्रकार आन्ना पशु की संख्या में बढ़ावा देने वाले किसानों को दंडित किया जाए तो यह कुप्रथा व्यवस्था दूर हो सकती है।

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