Suicide Case in Jhansi, डॉक्टर ने शादी का झांसा देकर भावनाओं के साथ किया खिलवाड़
झांसी में बुधवार देर रात एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। 23 वर्षीय लॉ की छात्रा दानिश आरा ने आत्महत्या कर ली। शुरुआती जांच और परिजनों के बयानों से जो सच्चाई सामने आई है, वह ना सिर्फ दिल दहला देने वाली है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और प्रेम में धोखे के खिलाफ न्याय प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाती है।
शुरुआत: इलाज से रिश्ता और फिर धोखा
दानिश आरा, गढ़िया फाटक मोहल्ले की निवासी थी। वह कानून की पढ़ाई कर रही थी और साथ में मोहल्ले के छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपने भविष्य की नींव मजबूत कर रही थी। लगभग पाँच महीने पहले वह मोहल्ले के ही एक डेंटल डॉक्टर के पास दांत का इलाज कराने गई थी। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई और दोस्ती गहराती गई। डॉक्टर ने उसे निकाह का वादा किया और रिश्ता धीरे-धीरे नजदीकियों में बदल गया।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने कई बार शादी का झांसा देकर भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। लड़की अपने भविष्य के सपनों को उस डॉक्टर से जोड़ चुकी थी, लेकिन एक दिन अचानक सब कुछ टूट गया।
अप्रैल को हुआ था सगाई का धोखा
दानिश के पिता मोहम्मद यामीन ने बताया कि उनकी बेटी को 2 अप्रैल 2025 को डॉक्टर की सगाई की जानकारी मिली। यह सगाई एक होटल में किसी और लड़की से की गई थी, और इसकी सूचना खुद डॉक्टर ने दानिश को दी। यह खबर सुनकर वह पूरी तरह से टूट चुकी थी। वर्षों के सपने, भावनाएं, विश्वास—all एक पल में बिखर गए।
अप्रैल को बुलाया और टॉर्चर किया गया
सब कुछ बिखरने के बावजूद, 9 अप्रैल को डॉक्टर ने दानिश को अपने घर बुलाया। उसने कहा कि वह अपने माता-पिता से बात करेगा और मामला सुलझा लेगा। दानिश आरा, उम्मीदों के साथ, डॉक्टर के घर पहुंच गई। लेकिन वहां जो हुआ, वह किसी बुरे सपने से कम नहीं था।
पिता मोहम्मद यामीन का दावा है कि थोड़ी देर बाद डॉक्टर के पिता ने उन्हें बुलाया। जब वह डॉक्टर के घर पहुंचे, तो देखा कि उनकी बेटी के हाथ-पैर पकड़े जा रहे हैं और इंजेक्शन लगाया जा रहा है। उन्होंने तुरंत बेटी को छुड़ाया और घर ले आए। घर आकर बेटी ने बताया कि डॉक्टर और उसके परिवार ने उसे मारपीट की और इंजेक्शन लगाने की कोशिश की।
इस दर्दनाक घटना के कुछ घंटों बाद, दानिश ऊपर वाले कमरे में चली गई। कुछ समय बाद जब माँ नसीम बानो उसे देखने गईं, तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। खिड़की से झाँकने पर देखा गया कि वह पंखे से दुपट्टे का फंदा बनाकर लटकी हुई थी। मौत से पहले उसने आइने पर लिपस्टिक से “I QUIT” लिखा था एक छोटा सा वाक्य, लेकिन बहुत कुछ कह गया।
पुलिस को सूचना दी गई और दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा गया। तब तक दानिश की मौत हो चुकी थी।
परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
परिवार ने स्थानीय प्रेमनगर थाने में तहरीर दी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद परिजन गुरुवार को एसएसपी ऑफिस पहुंचे और पूरे मामले की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मांग की कि डॉक्टर और उसके परिवार पर सख्त कार्रवाई की जाए।
पुलिस की प्रतिक्रिया
सीओ सदर लक्ष्मीकांत गौतम ने बताया कि छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस मामले से उठते हैं कई सवाल
क्या प्यार में धोखा देना अपराध नहीं है?
यह केस सिर्फ आत्महत्या का नहीं है, यह भावनात्मक शोषण, धोखा, और मानसिक उत्पीड़न का मामला है। सवाल यह है कि क्या सिर्फ शादी का वादा करके किसी को भावनात्मक रूप से इस्तेमाल करना और फिर धोखा देना कानूनी रूप से दंडनीय नहीं होना चाहिए?
क्यों नहीं होती समय पर पुलिस कार्रवाई?
परिजनों ने बार-बार पुलिस को सूचित किया, लेकिन प्राथमिक जांच की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं। जब तक मामला सोशल मीडिया या मीडिया में नहीं आता, तब तक ज्यादातर केस में कार्रवाई धीमी रहती है।
महिलाओं की सुरक्षा कब होगी पुख्ता?
एक पढ़ी-लिखी, आत्मनिर्भर लड़की जिसने कभी किसी का बुरा नहीं किया, अगर इस तरह की मौत मरती है, तो यह समाज के लिए एक करारा तमाचा है।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #JusticeForDanishAura ट्रेंड करने लगा है। लोग भावुक होकर पोस्ट कर रहे हैं कि एक होनहार बेटी ने सिस्टम की लापरवाही और प्रेम में धोखे की वजह से जान दे दी।
- दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और सख्त सजा।
- महिलाओं के लिए भावनात्मक शोषण को भी अपराध की श्रेणी में लाने की पहल।
- पुलिस महकमे में जवाबदेही तय हो।
- स्कूल और कॉलेज स्तर पर युवाओं के लिए रिलेशनशिप व इमोशनल अवेयरनेस पर वर्कशॉप।
दानिश आरा की आत्महत्या कोई सामान्य घटना नहीं है। यह एक चेतावनी है, एक करुण पुकार है उन सभी के लिए जो भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। जब तक समाज और कानून दोनों इस विषय को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक ना जाने कितनी “दानिश” यूँ ही दम तोड़ती रहेंगी।
“I QUIT” सिर्फ एक लड़की का आखिरी संदेश नहीं था, बल्कि एक सवाल था—क्या हमारी व्यवस्था, समाज और न्याय सिर्फ कागजों में सजीव है?”
झाँसी उत्तर प्रदेश से कलाम कुरैशी की रिपोर्ट देखते रहिये आपका अपना चैनल आंचलिक खबरे अपनों की खबर आप तक
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